2018 में ही लिख दी गई थी गहलोत सरकार के संकट की स्क्रिप्ट, पढ़ें Inside story
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2018 में ही लिख दी गई थी गहलोत सरकार के संकट की स्क्रिप्ट, पढ़ें Inside story

राजस्थान में सरकार बनने के बाद से लेकर अबतक कई बार अशोक गहलोत और सचिन पायलट एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी कर चुके हैं.  

राजस्थान का सियासी संकट गहलोत और सचिन के बीच लड़ाई से पैदा हुआ है.

नई दिल्ली: राजस्थान के डिप्टी सीएम सचिन पायलट (Sachin Pilot) के बागी तेवर के बाद अशोक गहलोत सरकार संकट में है. पायलट ने रविवार को पार्टी से बगावत के संकेत देते हुए दावा किया कि उनके साथ 39 से अधिक विधायक हैं और अशोक गहलोत सरकार अल्पमत में आ चुकी है. हालांकि, पायलट के दावे के उलट कांग्रेस ने कहा है कि गहलोत सरकार पूरी तरह से सुरक्षित है और अपना कार्यकाल पूरा करेगी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने आज सुबह साढ़े 10 बजे कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई है. कांग्रेस ने सख्त रुख अपनाते हुए बैठक के लिए व्हिप जारी किया है. 

हालांकि, गहलोत सरकार के संकट की पटकथा उसी दिन लिखनी शुरू हो गई थी जब साल 2018 में विधानसभा के नतीजों के बाद सचिन पायलट को नजरअंदाज करते हुए कांग्रेस आलाकमान ने अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बना दिया था. इन दो सालों में सचिन पायलट और गहलोत में रस्साकशी चलती रही और आखिरकार वो दिन आ गया जब सचिन पायलट ने विद्रोह कर दिया. 

सचिन पायलट साल 2014 से ही राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष हैं. उन्हीं के नेतृत्व में कांग्रेस ने 2018 में राजस्थान का विधानसभा चुनाव लड़ा लेकिन इसके बावजूद उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया. नाराज सचिन पायलट दिल्ली पहुंच गए. पायलट की नाराजगी को दूर करने के लिए उन्हें डिप्टी सीएम के पद का झुनझुना थमा दिया गया. मामला थम जरूर गया लेकिन खत्म नहीं हुआ. 

सूत्रों के मुताबिक असली झगड़ा अध्यक्ष पद को लेकर ही है. अशोक गहलोत हर हाल में उन्हें अध्यक्ष पद से हटाना चाहते हैं ताकि पार्टी की कमान अपने किसी चहेते को दे सकें. लेकिन सचिन पायलट अध्यक्ष पद छोड़ने को तैयार नहीं हैं. 2018 में भी वो उप मुख्यमंत्री पद के साथ प्रदेश अध्यक्ष पद पर बने रहने की शर्त पर ही माने थे. अब सचिन को लग रहा है कि उन्हें अध्यक्ष पद से हटाने की तैयारी चल रही है. 

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ताबूत में आखिरी कील ठोकी राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप यानी SOG के एक नोटिस ने. SOG राजस्थान में विधायकों के खरीद-फरोख्त के आरोपों पर जांच कर रही है. SOG ने उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को भी नोटिस भेजा है. सचिन के समर्थक मंत्रियों को भी SOG का नोटिस मिला है. सूत्रों के मुताबिक सचिन पायलट इस नोटिस से नाराज हैं. राजस्थान के 13 निर्दलीय विधायकों को SOG का नोटिस मिला है.  

हालांकि राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी नोटिस दिया है और पूछताछ के लिए समय मांगा है.  इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी पर राजस्थान की सरकार को गिराने का आरोप लगाया था. लेकिन बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस आपसी लड़ाई में बीजेपी के कंधे पर बंदूक रखकर गोली चलाना बंद करे. 

अब ये बात खुलकर आ चुकी है कि राजस्थान का सियासी संकट गहलोत और सचिन के बीच लड़ाई से पैदा हुआ है. राजस्थान में सरकार बनने के बाद से लेकर अबतक कई बार अशोक गहलोत और सचिन पायलट एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी कर चुके हैं और हमेशा की तरह कांग्रेस आलाकमान अभी तक इस मामले पर चुप है. 

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