जीतनराम मांझी ने शहाबुद्दीन को बताया 'जन नेता', कहा-पूर्व सांसद को जनता मानती थी ईश्वर
Advertisement
trendingNow1931659

जीतनराम मांझी ने शहाबुद्दीन को बताया 'जन नेता', कहा-पूर्व सांसद को जनता मानती थी ईश्वर

32 साल पुराने केस में पप्पू यादव की गिरफ्तारी हुई. वो MP-MLA का चुनाव लड़कर जीते तब उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? उनकी गिरफ्तारी तब हुई जब एक विशेष नेता के घर में पड़ी एंबुलेंस की बात वो सामने लाए तो उन लोगों को बुरा लगा और केस का बहाना बनाकर उनकी गिरफ्तारी की गई. 

जीतनराम मांझी ने ज़ी बिहार-झारखंड से एक्सक्लूसिव बात की.

Delhi/Patna: हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने ज़ी बिहार-झारखंड (Zee Bihar Jharkhand) से तमाम मुद्दों पर खास बातचीत की. पेश हैं उनके साथ बातचीत के प्रमुख अंश:

सवाल: आपके विरोधी आरोप लगाते हैं कि जीतन राम मांझी 'प्रेशर पॉलिटिक्स' करते हैं?
जवाब: मैंने 'प्रेशर पॉलिटिक्स' कभी नहीं की, जो स्वाभिक रूप से होता है, वही बात करते हैं. सिर्फ 1980 में मैंने टिकट मांगा था, उसके बाद से जो भी हुआ वो अपने आप होता गया. हमने कभी भी किसी को प्रेशर में काम लेने के लिए बाध्य नहीं किया.

सवाल: चिराग पासवान ने एक इंटरव्यू में कहा कि विधानसभा चुनाव में जो कुछ हुआ वो BJP के संज्ञान में था, चिराग के बयान पर JDU BJP के बजाए चिराग पर ही हमलावर है?
उत्तर: चिराग एनडीए के पार्टनर थे और चुनाव में जब मन मुताबिक सीट नहीं मिली तो उन्होंने अपने आप को Rebellion घोषित करके दुविधा की राजनीति की. एक तरफ अपने को 'हनुमान' और पीएम को 'राम' कहते थे. लेकिन नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कभी अपने 'हनुमान' को नहीं पुकारा. 'राम-हनुमान' की लड़ाई में एनडीए को चुनाव में बहुत नुकसान हुआ. आज जो परिस्थिति वहां है, अगर चिराग पासवान (Chirag Paswan) साथ होते तो एनडीए को 200 सीट आती. लेकिन इसमें एक पक्ष की बात नहीं है, चिराग के अलावा कुछ तत्व थे जो नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को 'नीचा' दिखाना चाहते थे कि वो सीएम ना बने और जेडीयू की कम सीट आए.

सवाल: तेजस्वी के बिहार सरकार गिरने वाले बयान में कितनी सच्चाई है?
उत्तर: आरजेडी के विधायक टूट ना जाए इसलिए तेजस्वी उन्हें दिलासा दे रहे हैं कि धैर्य रखो थोड़ी ही दिन में सरकार चली जाएगी. तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के बयान में सच्चाई बिल्कुल नहीं है.

सवाल: आपकी और तेजप्रताप के बीच हुई मुलाकात के बाद से बिहार की सियासत गर्म है, कहा जा रहा है कि आपने लालू यादव से बात की है, क्या सियासी बात हुई?
उत्तर: राजनीति में कोई दोस्त और दुश्मन परमानेंट नहीं होता है. लालू यादव (Lalu Yadav) से बीमारी को लेकर बात हुई है. इसका कोई मतलब नहीं है कि कोई राजनीतिक समीकरण बिगड़ने वाला है, हमलोग एनडीए में हैं और एनडीए में रहेंगे, हमें नीतीश कुमार का नेतृत्व स्वीकार है.

सवाल: तेज प्रताप ने आपसे मुलाकात के बाद कहा कि हम स्वागत करेंगे अगर जीतनराम मांझी की महागठबंधन में वापसी होती है.
उत्तर: ये काल्पनिक बातें हैं. उनके साथ कोई इस तरह की बात नहीं हुई.

सवाल: आपके बयान के बाद क्या मान लिया जाए की बिहार में सरकार मजबूत स्थिति में है?
उत्तर: बिल्कुल, बिहार सरकार पूरी तरह से मजबूत है और पूरे पांच वर्ष तक चलेगी.

सवाल: पप्पू यादव की गिरफ्तारी का आपने और मुकेश साहनी ने विरोध किया, क्या आप उनकी गिरफ्तारी को सही मानते हैं?
उत्तर: 32 साल पुराने केस में उनकी गिरफ्तारी हुई. वो सांसद-विधायक का चुनाव लड़कर जीते तब उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? उनकी गिरफ्तारी तब हुई जब एक विशेष नेता के घर में पड़ी एंबुलेंस की बात वो सामने लाए तो उन लोगों को बुरा लगा और केस का बहाना बनाकर उनकी गिरफ्तारी की गई. इसका हम लोग विरोध करते हैं. वो जो गलत काम किए होंगे और गलत काम करेंगे वो जांच का विषय है. लेकिन उस दिन जो गिरफ्तारी हुई, अगर वो एंबुलेंस की परिचर्चा ना करते तो शायद उनकी गिरफ्तारी ना होती, तो क्या यही लोकतंत्र है?

सवाल: शहाबुद्दीन के मौत की जांच की मांग आपने की और इस पर एनडीए में ही विरोध है?
उत्तर: शहाबुद्दीन के क्षेत्र में हम गए हैं, उनकी निजी एक्टिविटी क्या है वो हम नहीं जानते. लेकिन वहां का आम लोग उनको ईश्वर मानते थे. शहाबुद्दीन जननेता थे, इसलिए हमने जांच की मांग की. उनके साथ जेल में जो हुआ और अचानक कहा गया कि उनकी मृत्यु हो गई, तो हमें लगा कि कहीं ना कहीं संदेह की स्थिति और इसकी उसकी जांच होनी चाहिए, जांच में क्या दिक्कत है? इसमें पक्ष-विपक्ष का मामला नहीं है बल्कि न्याय का मामला है.

सवाल: आपको तेजस्वी यादव के अंदर उनके पिता लालू यादव की कुछ छवि दिखती है या आने वाले समय में ऐसा हो सकता है?
उत्तर: हम इस पर भविष्यवाणी नहीं कर सकते हैं. लेकिन वो नेता प्रतिपक्ष हैं और काम अपना कर रहे हैं.

सवाल: बिहार में आपराधिक घटनाओं को लेकर विपक्ष हमलावर है और तमाम रिपोर्ट्स में यहां क्राइम रेट का जिक्र होता है, क्या आप मानते हैं कि इसमें अभी और सुधार की आवश्यकता है?
उत्तर: मौजूदा सरकार के कार्यकाल में ना कोई दंगा हु्आ, ना कोई नरसंहार हुआ है, ऐसे में मुझे लगता है कि बिहार में कानून-व्यवस्था संतोषप्रद है. 

सवाल: क्या RLSP की तरह HAM का JDU में विलय हो सकता है?
उत्तर:  कभी विलय नहीं हो सकता है. हम लोग अगर व्यक्तिगत लाभ के लिए वहां पर हैं तो ये एक बात है. लेकिन हम लोग वहां सिद्धांत पर हैं, सिद्धांत का प्रतिपालन ना होने पर हम लोग आंदोलन भी कर सकते हैं और इसलिए जहां गलत होता है वहां हम गठबंधन में रखकर भी समय-समय पर सवाल उठाते हैं.

सवाल: आपका स्वास्थ्य भी ठीक नहीं रहता है तो ऐसे में आने वाले समय में बिहार की सियासत में जीतनराम मांझी को कहां देखा जाए?
उत्तर: हमें एक कार्यकर्ता के रूप में देखिए. आगे आने वाले समय में Schedule Caste को लेकर जो हमारी मांग है उसको हम उठाएंगे और इसके बिना SC का गुजारा नहीं है. 74 साल बाद भी आज शिड्यूल कास्ट हाथ पसारे बैठा है, लेकिन उसे हक नहीं मिला है. जब तक मेरे शरीर में एक बूंद खून है, तब तक हम शिड्यूल कास्ट के हक की लड़ाई के लिए ये सब मुद्दे उठाते रहेंगे.

Trending news