राज्यसभा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने सलाह दी है कि शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को एकीकृत कांग्रेस के साथ विलय करने का सुझाव दिया. स्वामी ने कहा, 'गोवा और कश्मीर के घटनाक्रम को देखने के बाद मुझे लगता है कि यदि भाजपा अकेली पार्टी के रूप में रह गई तो लोकतंत्र कमजोर हो जाएगा.'
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नई दिल्ली. राज्यसभा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने सलाह दी है कि तृणमूल कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस का कांग्रेस में विलय कर देना चाहिए. साथ ही उन्होंने सुझाव दिया कि ममता बनर्जी को कांग्रेस का अध्यक्ष बना देना चाहिए. सुब्रह्मण्यम स्वामी ने शुक्रवार को एक ट्वीट में कहा कि अगर देश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अकेली पार्टी रह गई तो लोकतंत्र कमजोर हो जाएगा. ट्वीट के माध्यम से स्वामी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक एकीकृत कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालने का सुझाव दिया.
'अकेले बीजेपी रही तो कमजोर होगा लोकतंत्र'
उन्होंने आगे शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को एकीकृत कांग्रेस के साथ विलय करने का सुझाव दिया. स्वामी ने कहा, 'गोवा और कश्मीर के घटनाक्रम को देखने के बाद मुझे लगता है कि यदि भाजपा अकेली पार्टी के रूप में रह गई तो लोकतंत्र कमजोर हो जाएगा.'
उन्होंने आगे कहा, 'उपाय? इटालियंस और वंशज को पार्टी छोड़ने के लिए कहें. इसके बाद ममता एकीकृत कांग्रेस की अध्यक्ष हो सकती हैं. उसके बाद राकांपा का भी इसमें विलय हो जाए.'
After witnessing Goa and Kashmir, I feel that nation's democracy will weaken if we are left with BJP as a single party. Solution? Ask Italians & progeny to leav. Mamata can then be President of united Congi thereafter. NCP should also follow and merge.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) July 12, 2019
गोवा में कांग्रेस विधायकों ने थामा बीजेपी का दामन
इस सप्ताह के शुरू में गोवा में कांग्रेस के अपने ही सदस्यों ने इसे छोड़ दिया, और नेताओं ने भाजपा दामन थाम लिया. गोवा में 10 जून को कांग्रेस के 15 में से 10 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया और वे भाजपा में शामिल हो गए. 2017 में गोवा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी.
इससे पहले जून में जम्मू एवं कश्मीर में फारूक अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 2019 के आम चुनाव में कांग्रेस से अपना नाता तोड़ लिया था. कर्नाटक में भी कांग्रेस-जनता दल(सेकुलर) की गठबंधन सरकार के 16 विधायकों ने एक जुलाई से इस्तीफा दे दिया है. राज्य में कांग्रेस के लिए संकट की स्थिति बनी हुई है. क्योंकि इस्तीफा देने वाले 16 में से 13 विधायक अकेले कांग्रेस के हैं.
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने शुक्रवार को कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष को 16 जुलाई तक त्याग-पत्रों पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया.
इनपुट: IANS