सुप्रिया सुले ने कहा कि पार्टी छोड़ने से पहले तारिक अनवर को एक बार शरद पवार से बात करके अपना रुख साफ करना चाहिए था.
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मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता तारिक अनवर के इस्तीफे पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार के बेटी सुप्रिया सुले ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह तारिक के इस्तीफे से दुखी हैं. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वह इस बात को लेकर हैरान हैं कि तारिक एनसीपी से 20 वर्षों से जुड़े रहे लेकिन उन्होंने पार्टी के सामने अपनी बात नहीं रखी. उन्हें पार्टी छोड़ने से पहले एक बार शरद पवार से बात करके अपनी रुख साफ करना चाहिए था.
सुप्रिया ने कहा, "पवार के बयान का गलत अर्थ निकाला गया है. उन्होंने पीएम मोदी को कोई क्लीन चिट नहीं दी है. जो लोग ऐसा कह रहे हैं उन्होंने या तो इंटरव्यू नहीं सुना या वे जानबूझकर इसे ट्विस्ट दे रहे हैं." सुप्रिया ने कहा, 'पवार साहब ने तीन बातें कहीं थी जिन पर लोगों ने ध्यान नहीं दिया. एक, जेट्स की कीमतों पर सरकार को स्पष्टीकरण देना चाहिए. दो, उन्होंने राफेल पर जेपीसी की मांग की थी. और तीसरी, उन्होंने बीजेपी के दोहरे रवैये के बारे में कहा था जिसने बोफोर्स मामले में जेपीसी की मांग की थी लेकिन राफेल पर इसे टाल रही है."
एनसीपी में शुरू हो सकता है इस्तीफों का दौर
शरद पवार के बयान पर पार्टी बड़े संकट में आ गई है. तारिक अनवर के इस्तीफा देने के बाद एनसीपी महासचिव मुनाफ हकीम ने भी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने दावा किया कि राफेल सौदे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शरद पवार द्वारा समर्थन किए जाने के बाद पार्टी की छवि का बचाव करना मुश्किल है. गौरतलब है कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने बुधवार को एक टीवी चैनल से बात करते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इरादों (राफेल सौदे में) को लेकर लोगों को कोई शक नहीं है. महाराष्ट्र राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष हकीम ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने पार्टी के सहकर्मी एवं लोकसभा सदस्य तारिक अनवर की राह पर चलते हुए इस्तीफा दिया है तथा एनसीपी के और भी कार्यकर्ता उनके इस कदम का अनुसरण कर सकते हैं.
कांग्रेस ने दिया अनवर को पार्टी में शामिल होने का आमंत्रण
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के संस्थापक सदस्य तारिक अनवर ने शुक्रवार को पार्टी छोड़ दी और लोकसभा सदस्यता भी छोड़ने की घोषणा की. 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले बिहार के इन पुराने नेता के अगले कदम के बारे अटकलों के बीच कांग्रेस ने कहा कि अनवर का पार्टी में लौटने पर स्वागत है जहां से उन्होंने अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था. अनवर 1980 के दशक में बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष थे और उन्होंने बतौर कांग्रेस सांसद अपने वर्तमान संसदीय क्षेत्र कटिहार का प्रतिनिधित्व किया था लेकिन 1999 में उन्होंने एनसीपी बनाने के लिए पवार एवं मेघालय के दिवंगत नेता पी ए संगमा के साथ हाथ मिला लिया था. वैसे बाद में एनसीपी ने कांग्रेस से गठजोड़ किया और अनवर यूपीए के दूसरे कार्यकाल में सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे. महागठबंधन के नेताओं ने अनवर के फैसले का स्वागत किया है.