Chanakya Niti: इस तरह से धरती पर रहकर ही उठाया जा सकता है Swarg का आनंद
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Chanakya Niti: इस तरह से धरती पर रहकर ही उठाया जा सकता है Swarg का आनंद

आचार्य चाणक्य (Chanakya) ने चाणक्य नीति (Chanakya Niti) में बताया है कि धरती पर रहकर भी स्वर्ग (Swarg) का आनंद उठाया जा सकता है. इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है.

चाणक्य नीति

नई दिल्ली. चाणक्य (Chanakya) को महान विद्वान माना जाता है. चाणक्य को अर्थशास्त्र, राजनीतिक शास्त्र और समाज शास्त्र की गहरी समझ थी. चाणक्य ने अपनी जिंदगी के सभी अनुभवों को मनुष्य की भलाई के लिए चाणक्य नीति (Chanakya Niti) में विस्तार से लिखा है. चाणक्य के अनुसार, जो मनुष्य चाणक्य नीति का अनुसरण कर जीवन यापन करता है उसे कभी कष्ट झेलने नहीं पड़ते हैं.

  1. धरती पर ही उठाएं स्वर्ग का आनंद
  2. चाणक्य नीति में बताई गई हैं अहम बातें
  3. चाणक्य की बातों का करें अनुसरण

धरती पर ही उठाएं स्वर्ग का आनंद

चाणक्य (Chanakya) के मुताबकि, संसार में कुछ ऐसे मनुष्य हैं जो हमेशा स्वर्ग (Swarg) में मिलने वाले आनंद की कल्पना करते रहते हैं और इस संसार का असली लुफ्त उठाने से वंचित रह जाते हैं. आज हम आपको चाणक्य नीति (Chanakya Niti) के मुताबिक, उन लोगों के बारे में बताएंगे जो धरती पर रहकर ही स्वर्ग (Swarg) का आनंद उठा सकते हैं.

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जिस मनुष्य की पत्नी और बच्चे हो आज्ञाकारी

आचार्य चाणक्य के अनुसार, कुछ मनुष्य धरती पर रहकर ही स्वर्ग (Swarg) के आनंद की कल्पना करते रहते हैं. जिस मनुष्य की पत्नी और बच्चे आज्ञाकारी होते हैं. उस मनुष्य के लिए धरती पर ही स्वर्ग होता है. इसलिए ऐसे मनुष्य को स्वर्ग की आनंद की कामना छोड़कर अपने सुखी जीवन का ही आनंद लेना चाहिए. 

मनुष्य में हो संतोष की भावना

मनुष्य को संतोष होना बहुत जरूरी होती है, कुछ मनुष्य हर वक्त रुपया, पैसा, धन दौलत में लगे रहते हैं. उनको अपने पास जो कुछ संपत्ति है उससे संतुष्टि नहीं होती है. ऐसे लोगों को स्वर्ग (Swarg) में भी सुकून नहीं मिलता है. चाणक्य (Chanakya) के मुताबिक, जिस मनुष्य में संतोष होता है उसको धरती पर भी स्वर्ग का आनंद प्राप्त होता है.

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भगवान की रोजाना पूजा से होता है स्वर्ग का एहसास

चाणक्य के अनुसार, जो मनुष्य नियमित तौर पर साफ मन से भगवान की पूजा (Puja) पाठ करता है. उसे धरती पर ही स्वर्ग (Swarg) का आनंद मिलता है. चाणक्य ने चाणक्य नीति (Chanakya Niti) में कहा है कि मनुष्य को हमेशा भगवान की पूजा जरूर करनी चाहिए.

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