आजीवन ब्रह्माचारी रहे Hanuman Ji को करने पड़े थे 3 विवाह, जानें Mythological Stories
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आजीवन ब्रह्माचारी रहे Hanuman Ji को करने पड़े थे 3 विवाह, जानें Mythological Stories

आजीवन ब्रह्मचारी रहे भगवान हनुमान (Lord Hanuman) के बारे में पौराणिक कथाओं में कहा गया है कि उन्‍हें विशेष परिस्थितियों में 3 विवाह करने पड़े थे. 

(फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली: यह बात सभी जानते हैं कि हनुमान जी (Hanuman Ji) आजीवन ब्रह्मचारी थे लेकिन यह बात बहुत कम लोग जानते हैं कि ब्रह्मचारी होने के बाद भी उन्‍हें 3 विवाह करने पड़े थे. पौराणिक कथाओं के अनुसार उनकी 3 शादियां (Marriage) हुईं थीं. इनमें से एक कथा के प्रमाण के तौर पर आंध्रप्रदेश के एक मंदिर में हनुमान जी की उनकी पत्‍नी (Hanuman Ji with Wife) के साथ मूर्ति भी है. आज हम इन तीनों कथाओं के बारे में जानते हैं कि किन कारणों के चलते हनुमान जी को ये विवाह करने पड़े थे. 

  1. आजीवन ब्रह्मचारी भगवान हनुमान को करने पड़े थे विवाह 
  2. पौराणिक कथाओं में है उल्‍लेख 
  3. सूर्य से विद्याएं लेने किया था उनकी बेटी से विवाह 

सूर्य देव की पुत्री सुर्वचला से विवाह 

पराशर संहिता में बजरंगली की पहली पत्‍नी के तौर पर सूर्य देव पुत्री सुवर्चला का उल्लेख है. कहते हैं कि रुद्रावतार हनुमान जी सूर्य देव के शिष्य थे. ऐसे में सूर्यदेव को उन्हें नौ विद्याओं का ज्ञान देना था. इनमें से 5 विद्याएं सीखने के बाद एक अजीब परेशानी आ गई. बाकी 4 विद्याएं सीखने के लिए विवाहित होना अनिवार्य था लिहाजा सूर्य देव ने हनुमान जी का विवाह बेटी सुवर्चला से करा दिया. सुवर्चला सदैव तपस्या में लीन रहती थीं. हनुमान जी से विवाह के बाद सुवर्चला हमेशा के लिए तपस्या में रत हो गईं.

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रावण की पुत्री अनंगकुसुमा से विवाह 

पउमचरित के अनुसार रावण और वरूण देव के बीच जब युद्ध हो रहा था, तब वरूण देव की ओर से हनुमान जी ने भी रावण से युद्ध लड़ा और उसके सभी पुत्रों को बंदी बना लिया. युद्ध में हार के बाद रावण ने अपनी बेटी अनंगकुसुमा का विवाह हनुमान से कर दिया था. 

वरुण देव की पुत्री सत्यवती से विवाह 

रावण और वरुण देव के बीच हुए युद्ध में हनुमान ने ही प्रतिनिधि के तौर पर लड़कर वरुण देव को विजय दिलाई थी. इससे प्रसन्न होकर वरूण देव ने हनुमान जी का विवाह अपनी पुत्री सत्यवती से कर दिया था. शास्त्रों में भले ही हनुमान जी के इन विवाहों का उल्लेख है लेकिन यह भी कहा जाता है कि हनुमान जी ने कभी भी दांपत्‍य जीवन नहीं जिया और आजीवन ब्रह्मचारी ही रहे.

(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)

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