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नई दिल्ली: जीवन में जितना जरूरी अपने धन की रक्षा करना है, उससे ज्यादा जरूरी है अपनी जान और सम्मान की रक्षा करना. आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में इसके लिए एक बहुत अहम बात कही है. उन्होंने उन स्थितियों के बारे में बताया है जिनमें घिरने पर व्यक्ति को तत्काल वहां से निकल जाना चाहिए. वरना उसकी जान और सम्मान को नुकसान होना तय है. यदि व्यक्ति ऐसी जगह पर कुछ देर भी रुक जाए तो या तो उसे अपनी जान से हाथ धोना पड़ जाएगा और यदि वह बच भी गया तो भी उसका बड़ा नुकसान होना तय है.
- जिस जगह पर अकाल पड़ गया हो, जीने के लिए भोजन-पानी न मिल रहा हो उस जगह को जल्द से जल्द छोड़ देना ही बेहतर है. ऐसी जगह पर रुकना अपनी जिंदगी को खुद मौत के मुंह में डालना है.
- यदि किसी जगह पर दंगा हो जाए या झगड़ा हिंसक हो जाए तो वहां से निकलना ही बेहतर है. ऐसी स्थिति आपकी जान पर भी भारी पड़ेगी और यदि बच भी गए तो किसी बड़े झमेले में फंस सकते हैं. बेहतर होगा कि ऐसी जगह रुके ही नहीं.
- जिस जगह पर बुरी ताकतें हावी हो जाएं, असामाजिक गतिविधियां होने लगें वहां कभी नहीं ठहरना चाहिए. ऐसी जगह पर रहना आपकी जान-माल और सम्मान तीनों के लिए नुकसानदेह है.
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- यदि दुश्मन अचानक आप पर हमला कर दे, तो बेहतर होगा कि वहां से जान बचाकर निकल लें. यदि जिंदा रहेंगे तो सुनियोजित ढंग से शत्रु से बदला लेकर उसे मात भी दे सकेंगे.
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- जिस जगह अपराधी का सम्मान हो रहा हो वहां कभी न ठहरें. ऐसा करना भविष्य में आपकी छवि को करारा नुकसान पहुंचाएगा.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)