Ahoi Ashtami 2021: कब है अहोई अष्टमी, कैसे करें पूजा और क्या है शुभ मुहूर्त; जानें सब कुछ
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Ahoi Ashtami 2021: कब है अहोई अष्टमी, कैसे करें पूजा और क्या है शुभ मुहूर्त; जानें सब कुछ

अहोई अष्टमी पर्व (Ahoi Ashtami 2021) का भारतीय संस्कृति में बड़ा महत्व है. इस बार यह व्रत 28 अक्टूबर को होगा.

प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली: अहोई अष्टमी पर्व (Ahoi Ashtami 2021) का भारतीय संस्कृति में बड़ा महत्व है. इस दिन माताएं अपनी संतान की लंबी उम्र के लिए दिनभर निर्जला व्रत रखती हैं. इसके बाद रात को अहोई माता की पूजा (Ahoi Ashtami Pooja Method) करके व्रत खोला जाता है.

  1. संतान की लंबी उम्र के लिए व्रत
  2. अहोई पूजा के लिए ये रहेगा शुभ मुहूर्त
  3. शिवलिंग का दूध से करें अभिषेक

संतान की लंबी उम्र के लिए व्रत

इस बार अहोई अष्टमी का व्रत 28 अक्टूबर 2021 को होगा. इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाती है. मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से अहोई माता प्रसन्न होती हैं और संतान प्राप्ति का आशीर्वाद प्रदान करती हैं. जिन महिलाओं को संतान न हो रही हों या दीर्घायु न हो रही हों, उनके लिए अहोई अष्टमी (Ahoi Ashtami 2021) का व्रत करना काफी शुभ माना जाता है. 

अहोई पूजा के लिए ये रहेगा शुभ मुहूर्त

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक इस बार अहोई अष्टमी तिथि 28 अक्टूबर 2021 को दोपहर 12 बजकर 51 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 29 अक्टूबर सुबह 02 बजकर 10 मिनट तक रहेगी. इस दिन पूजा का शुभ समय शाम 6 बजकर 40 मिनट से 8 बजकर 35 मिनट तक रहेगा. 

शिवलिंग का दूध से करें अभिषेक

अगर आप भी अहोई अष्टमी (Ahoi Ashtami 2021) पर व्रत रखना चाहती हैं तो उस दिन सुबह स्नान करके शिवलिंग का दूध से अभिषेक करें. इसके बाद भगवान शिव और माता गौरी की का पूजन करें. फिर दीवार पर लाल रंग से अहोई माता की आकृति बनाएं. आप अष्टमी के दिन पूजन में अहोई माता को सफेद पुष्प अर्पित करें. इस दिन घर के सदस्यों की संख्या के अनुसार तुलसी के पौधे लगाने चाहिए व उसके बीच एक छोटा सा तुलसी का पौधा भी लगाना चाहिए. 

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तारों को अर्घ्य देकर भोजन ग्रहण करें

रात को तारे निकलने पर अहोई माता की पूजा करना शुरू करें. पहले अहोई (Ahoi Ashtami 2021) माता की रोली, पुष्प, दीप से पूजा करें और उन्हें दूध भात अर्पित करें. फिर हाथ में गेंहू के 7 दाने और कुछ दक्षिणा (बयाना) लेकर अहोई की कथा सुनें. तारों की छांव में अहोई माता से संतान प्राप्ति की कामना करनी चाहिए. मान्यता है कि इससे जल्दी ही आपकी मनोकामना पूर्ण होती है. कथा के बाद माला गले में पहन लें और गेंहू के दाने सास को देकर उनका आशीर्वाद लें. इसके बाद तारों को अर्घ्य देकर भोजन ग्रहण करें.

(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)

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