Anant Chaturdashi: अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान के अनंत स्वरूप के लिए व्रत रखा जाता है. इस दिन अनंत सूत्र बांधा जाता है. स्त्रियां दाएं हाथ और पुरुष बाएं हाथ में अनंत सूत्र धारण करती हैं.
Trending Photos
नई दिल्ली: अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi) के दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप में पूजा की जाती है. भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को अनंत चतुर्दशी मनाई जाती है. भगवान विष्णु (Lord Vishnu) का दूसरा नाम अनंत देव है. इस बार 12 सितंबर को अनंत चतुर्दशी का व्रत रखा जाएगा. इस दिन को अनंत चौदस (Anant Chaudas) के नाम से भी जाना जाता है.
अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान के अनंत स्वरूप के लिए व्रत रखा जाता है. इस दिन अनंत सूत्र बांधा जाता है. स्त्रियां दाएं हाथ और पुरुष बाएं हाथ में अनंत सूत्र धारण करती हैं. मान्यता है कि कि अनंत सूत्र पहनने से सभी दुख और परेशानियां दूर हो जाती हैं. अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा के साथ गणेश जी का विसर्जन होने से इस दिन का महत्व और बढ़ जाता है.
अनंत चतुर्दशी की तिथि: 12 सितंबर 2019
चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 12 सितंबर 2019 को सुबह 05 बजकर 05 मिनट से
चतुर्दशी तिथि समाप्त: 13 सितंबर को सुबह 07 बजकर 34 मिनट तक
अनंत चतुर्दशी का महत्व
हिन्दू धर्म में अनंत चतुर्दशी का विशेष महत्व है. इस दिन भगवान विष्णु की उपासना के बाद अनंत सूत्र बांधा जाता है. यह सूत्र रेशम या सूत का होता है. इस सूत्र में 14 गांठें लगाई जाती हैं. इस दिन विष्णु के अनंत रूप की पूजा करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
मान्यता है कि भगवान ने 14 लोक बनाए जिनमें सत्य, तप, जन, मह, स्वर्ग, भुव:, भू, अतल, वितल, सुतल, तलातल, महातल, रसातल और पाताल शामिल हैं. कहा जाता है कि अपने बनाए इन लोकों की रक्षा करने के लिए श्री हरि विष्णु ने अलग-अलग 14 अवतार लिए.
लाइव टीवी देखें
इस दिन व्रत करने के अलावा अगर सच्चे मन से विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ किया जाए तो धन-धान्य, उन्नति-प्रगति, खुशहाली और संतान का सौभाग्य प्राप्त होता है.