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Ashad Month Rules: हिंदू शास्त्रों के अनुसार हिंदी कैलेंडर के अनुसार साल का चौथा महीना आषाढ़ का होता है. ज्येष्ठ माह के बाद आषाढ़ माह की शुरुआत होती है. शास्त्रों में इस माह को बहुत ही शुभ और पवित्र माना गया है. धार्मिक दृष्टि से ये माह बहुत ही शुभ होता है. इस दौरान भगवान विष्णु और सूर्य देव की पूजा का विधान है. बता दें कि इस साल आषाढ़ माह की शुरुआत 23 जून से होने जा रही है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस माह में केले के पेड़ की पूजा बहुत शुभ फलदायी मानी गई है. जानें इस माह में कैसे करें केले के पेड़ की पूजा.
करें केले के पेड़ की पूजा
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आषाढ़ माह में केले के पेड़ की पूजा को बहुत ही शुभ फलदायी माना गया है. बता दें कि इस माह के गुरुवार में केले के पेड़ की पूजा करने से जीवन में सुख-शांति का वास होता है. सुबह उठें और स्नान के बाद केले के पेड़ के आस-पास की जगह को साफ करें. केले के पेड़ें हल्दी का जल अर्पित करें. केले के पेड़ के तने को गंगाजल से साफ करें. इसके बाद उस पर गोपी, चंदन, हल्दी, रोली का तिलक लगाएं. इसके साथ ही, पीले रंग के वस्त्र धारण करें. गुड़ का प्रसाद अर्पित करें. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार केले के पेड़ के साथ भगवान विष्णु की पूजा अवश्य करें. पूजा के साथ आखिर में आती अवश्य करें.
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आषाढ़ माह के नियम
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आषाढ़ माह में 'ऊँ नम: शिवाय और ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति होती है.
- इतना ही नहीं, इस दौरान तामसिक चीजों से दूर रहें. तामसिक भोजन से परहेज करें.
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आषाढ़ में सूर्योदय से पहले उठें. साथ ही, इस माह में जरूरतमंद लोगों की मदद करें.
- इस माह में तीर्थ यात्रा करना बहुत ही पुण्यदायी मानी गई है. इतना ही नहीं, इस माह में किसी के साथ गलत व्यवहार न करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)