Chandrma in Kundli: जिसकी कुंडली में चंद्रमा मजबूत स्थिति में होता है, वह मानसिक तौर पर शांत रहता है और सभी प्रकार के सुखों को भी प्राप्त करता है.
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Astrology: चंद्रमा को शांति और शीतलता का प्रतीक माना जाता है. कुंडली में चंद्रमा अच्छा होने पर व्यक्ति शांत स्वभाव का होता है. सौरमंडल के सभी ग्रह विभिन्न राशियों में प्रवास करते हैं उसी तरह चंद्र भी प्रवास करता है, किंतु इसकी चाल इतनी तेज है कि यह एक राशि में केवल ढाई दिन से ज्यादा नहीं रुक पाता है. इसका मतलब है कि ढाई दिनों में ही चंद्रमा अपनी राशि बदल देता है.
मजूबत चंद्रमा
जिसकी कुंडली में चंद्रमा मजबूत स्थिति में होता है, वह मानसिक तौर पर शांत रहता है और सभी प्रकार के सुखों को भी प्राप्त करता है. वहीं, चंद्रमा एक ऐसा ग्रह है जो दूसरे ग्रहों के प्रभाव में आ जाता है और फिर उसके फल बदल जाते हैं. राशियों में प्रवास करते हुए उसे दूसरे ग्रहों का साथ मिलना स्वाभाविक है.
सूर्य- चंद्रमा को विचरण करते हुए जब सूर्य का साथ प्राप्त होता है तो वह शांत मन को भी विचलित कर देता है और वह व्यक्ति स्थिर नहीं रह पाता है.
मंगल- मंगल का सानिध्य पाते हुए चंद्रमा व्यक्ति में उग्रता बढ़ाने का कार्य करता है.
बुध- चन्द्रमा को जब बुद्धि के देवता बुध ग्रह का साथ मिलता है, तब संबंधित व्यक्ति में बोलने का टैलेंट आ जाता है. वह व्यक्ति वाणी से दूसरों को आकर्षित कर अपना काम कराने में सफल हो जाता है.
बृहस्पति- देवताओं के गुरु बृहस्पति देव का साथ मिलने पर चंद्रमा के स्वभाव में अच्छा परिवर्तन आता है और वह व्यक्ति संस्कारवान बन जाता है, ऐसे लोगों का आत्मबल बढ़ता है.
शुक्र- चंद्रमा ग्रह अपने स्वभाव के अनुरूप सौम्य होने के साथ ही शुक्र का साथ पा जाता है तब व्यक्ति को आलसी बना देता है.
शनि- शनिदेव की संगत में चंद्रमा मेहनती बनाता है, कुछ हद तक वह क्रोधी और तर्कवादी भी हो जाता है.
राहु- इसके साथ मिलने पर चंद्रमा भ्रमित करने का कार्य करता है. ऐसे कार्यों से लिप्त हो जाता है जो उसे अनैतिक बनाते हैं.
केतु- व्यक्ति दूरदर्षिता वाला हो जाता है, यदि यह स्थिति कुंडली के बारहवें स्थान में बन जाए तो इंट्यूशन आते हैं. अनावश्यक विचारों से घिरे रहते हैं.