कुंभ राशि वालों को कब मिलेगी साढ़ेसाती से मुक्ति? जानें शनि के प्रकोप से राहत पाने के उपाय
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कुंभ राशि वालों को कब मिलेगी साढ़ेसाती से मुक्ति? जानें शनि के प्रकोप से राहत पाने के उपाय

Shani Sade Sati Kumbh Rashi: इस समय शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में हैं और कुंभ राशि को साढ़े साती का कष्‍ट दे रहे हैं. अभी कुंभ राशि पर साढ़ेसाती का दूसरा चरण चल रहा है. 

कुंभ राशि वालों को कब मिलेगी साढ़ेसाती से मुक्ति? जानें शनि के प्रकोप से राहत पाने के उपाय

Shani Gochar 2025 : ज्‍योतिष शास्‍त्र में शनि को न्‍याय का देवता और दंडाधिकारी कहा गया है क्‍योंकि शनि कर्म के आधार पर फल देते हैं. शनि सबसे धीमी चाल चलकर ढाई साल में राशि परिवर्तन करते हैं और शनि की स्थिति में बदलाव बड़ा प्रभाव डालता है. राशियों पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या चलती है. साल 2023 में शनि के कुंभ राशि में प्रवेश करते ही कुंभ राशि पर साढ़े साती का दूसरा चरण प्रारंभ हो गया था, अब साल 2025 में शनि के मीन राशि में प्रवेश करने पर यह समाप्‍त हो जाएगा. लेकिन सवाल यह है कि कुंभ राशि को कब तक शनि की साढ़े साती झेलनी पड़ेगी. 

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कब तक रहेगा कुंभ राशि पर साढ़ेसाती का साया? 

शनि की साढ़ेसाती से मतलब है कि यह साढ़े सात साल तक चलती है. साढ़ेसाती के ढाई-ढाई साल के 3 चरण होते हैं - पहला चरण, दूसरा चरण और तीसरा चरण. इस समय कुंभ राशि पर साढ़ेसाती का दूसरा चरण चल रहा है. साल 2025 में शनि गोचर होते ही कुंभ राशि पर साढ़ेसाती का दूसरा चरण समाप्‍त हो जाएगा. साथ ही साढ़ेसाती का तीसरा चरण प्रारंभ हो जाएगा. शनि 29 मार्च 2025 से 3 जून 2027 तक मीन राशि में रहेंगे और तब तक कुंभ राशि पर साढ़ेसाती रहेगी, इसके बाद ही कुंभ राशि वालों को साढ़ेसाती से निजात मिलेगी. 

कुंभ राशि वालों के लिए राहत की बात यह है कि इस राशि के स्‍वामी कुंभ हैं, लिहाजा वे इन जातकों को कम कष्‍ट देते हैं. उल्‍टा अच्‍छे कर्म करने पर शुभ फल देते हैं. साथ ही शनि की साढ़ेसाती का तीसरा चरण कम कष्‍ट देता है. 

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साढ़े साती के उपाय 

साढ़ेसाती के दौरान शनि जातक को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक कष्‍ट देते हैं. दुर्घटना के योग बनाते हैं. तंगी, सेहत संबंधी समस्‍या का सामना करना पड़ता है. ऐसे में शनि की साढ़ेसाती के दुष्‍प्रभाव से बचने के लिए कुछ उपाय कर लेना बेहतर होता है. 

- रोजाना सुबह शिव जी का गंगाजल से अभिषेक करें. मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी की पूजा करें, हनुमान चालीसा पढ़ें. भगवान शिव और बजरंगबली के भक्‍तों को शनि कष्‍ट नहीं देते हैं. 

- हर शनिवार को शमी के पेड़ में जल का अर्घ्य दें. शाम को शमी के पेड़ या पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं. 

- शनि स्तोत्र का पाठ करें.

- शनिवार को पूजा के बाद काले चने, काले तिल, उड़द की दाल, चमड़े के जूते - चप्पल आदि चीजों का दान करें.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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