Purnima this month: सभी पूर्णिमा तिथि के दिन व्रत रखा जाता है और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. इनमें से कुछ पूर्णिमा को हिंदू धर्म में विशेष दर्जा दिया गया है. भाद्रपद मास की पूर्णिमा से ही पितृ पक्ष का आरंभ माना जाता है. हालांकि पहला श्राद्ध अश्विन शुक्ल प्रतिपदा के दिन होता है. इस साल तो पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण भी पड़ रहा है. ऐसे में पितृ पक्ष की शुरुआत चंद्र ग्रहण से होना अशुभ माना जा रहा है.
भाद्रपद पूर्णिमा 2024 कब है?
पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास की पूर्णिमा 17 सितंबर 2024, मंगलवार को सुबह 11 बजकर 44 मिनट से आरंभ होगी और 18 सितंबर 2024, बुधवार की सुबह 8 बजकर 4 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में उदयातिथि के आधार पर भाद्रपद पूर्णिमा 18 सितंबर को मानी जाएगी.
जहां तक बात पूर्णिमा व्रत और स्नान-दान की है तो जो सत्यनारायण कथा, लक्ष्मी पूजन और चंद्रमा की पूजा करते हैं उनके लिए 17 सितंबर को भाद्रपद पूर्णिमा का व्रत करना उचित रहेगा. वहीं पूर्णिमा का स्नान दान 18 सितंबर को उदयातिथि पर करना सही होगा. पूर्णिमा व्रत रखने पूजा और स्नान दान करने से घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है.
...इसलिए विशेष होती है भाद्रपद पूर्णिमा
चूंकि भाद्रपद पूर्णिमा से ही पितृ पक्ष की शुरुआत मानी जाती है इसलिए इस दिन भगवान श्रीहरि विष्णु के साथ पितरों के निमित्त भी पूजन-अनुष्ठान किया जाता है. ऐसा करने से पितृगण प्रसन्न होकर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं. साथ ही पूर्णिमा के दिन धन की देवी लक्ष्मी जी की भी पूजा की जाती है. इस पूर्णिमा पर चंद्रोदय का समय 17 सितंबर की शाम को 6 बजकर 3 मिनट पर है. लिहाज पूर्णिमा व्रत रख रहे जातक चंद्रमा की पूजा शाम को 6 बजकर 3 बजे के बाद करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)