बुद्ध पूर्णिमा पर 502 सालों बाद बन रहा है शुभ संयोग, इस योग में किए हर काम में मिलेगी सफलता
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बुद्ध पूर्णिमा पर 502 सालों बाद बन रहा है शुभ संयोग, इस योग में किए हर काम में मिलेगी सफलता

इससे पहले यह दुर्लभ योग मई 1517 में बना था और अब इसके बाद 205 सालों बाद मतलब 2224 में इस योग के बनने की संभावना है. बुद्ध पूर्णिमा पर इस बार समसप्तक संयोग बन रहा है, जिसके चलते हर बार की तुलना में इस बार इसका महत्व और भी बढ़ गया है.

बुद्ध पूर्णिमा पर 502 सालों बाद बन रहा है शुभ संयोग, इस योग में किए हर काम में मिलेगी सफलता

नई दिल्लीः हिंदु पंचांग के मुताबिक वैशाख मास की पूर्णिमा पर भगवान गौतम बुद्ध की जयंती मनाई जाती है. इस साल यह पूर्णिमा आने वाले शनिवार मतलब 18 मई को पड़ रही है. ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक इस बार की बुद्ध पूर्णिमा पर बेहद दुर्लभ योग बन रहा है, जिसके चलते इस योग के दौरान किए कार्यों में सफलता मिलना निश्चित है. इस वर्ष बुद्ध पूर्णिमा पर मंगल और राहु मिथुन राशि में और उनके ठीक सामने धनु राशि में शनि और केतु होंगे. इसके अलावा सूर्य और गुरू भी एक दूसरे के सामने ही होंगे. बता दें इससे पहले यह दुर्लभ योग मई 1517 में बना था और अब इसके बाद 205 सालों बाद मतलब 2224 में इस योग के बनने की संभावना है. बुद्ध पूर्णिमा पर इस बार समसप्तक संयोग बन रहा है, जिसके चलते हर बार की तुलना में इस बार इसका महत्व और भी बढ़ गया है.

समसप्तक राजयोग
देवगुरु बृहस्पति और नवग्रहों के राजा सूर्यदेव जब आमने-सामने होने के समय को समसप्तक राजयोग कहते हैं. इस बार यह राजयोग बुद्ध पूर्णिमा के दिन बन रहा है, जिसके चलते इसका महत्व और भी बढ़ जाता है. ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, इस योग में जो भी व्यक्ति शुभ कार्य की शुरुआत करता है उसे इसमें सफलता मिलती ही है. इस दिन से नए कार्य की शुरुआत भी बेहद शुभ मानी जाती है.

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भगवान विष्णु की पूजा
बता दें महात्मा बुद्ध को भगवान विष्णु का 9वां अवतार माना जाता है, यही कारण है कि बुद्ध पूर्णिमा के दिन कई क्षेत्रों में महात्मा बुद्ध के अलावा भगवान विष्णु की भी पूजा की जाती है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने के लिए सबसे पहले स्नान कर साफ-स्वच्छ कपड़ें पहनें और इसके बाद पूजा घर को स्वच्छ करें. गंगाजल का छिड़काव कर भगवान के घर की शुद्धिकरण करें और इसके बाद भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें. इसके बाद कुशा से भगवान विष्णु पर जल का छिड़काव करें और उन्हें पुष्प अर्पित करें. भगवान को भोग लगाएं और आरती कर परिजनों और पूजा में उपस्थित लोगों में प्रसाद वितरित करें. इस दिन अन्न दान का भी काफी महत्व होता है, इसलिए हो सके तो जरूरतमंदों में अन्न दान करना ना भूलें.

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महात्मा बुद्ध की जयंती
एक ओर जहां हिंदू धर्म को मानने वाले लोग इस दिन उपवास रख भगवान विष्णु की पूजा करते हैं तो वहीं बौद्ध धर्म के अनुयायी इस दिन बुद्ध भगवान का जन्मोत्सव मनाते हैं और गरीबों में अन्न और अन्य जरूरतमंद चीजों का दान कर इस दिन को भगवान बुद्ध के जन्म दिवस के रूप में मनाते हैं.

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