Zee Aadhyatm : गौरी शंकर मंदिर के दर्शन से पूरी होगी मनोकामना, जानिए सदियों पुराना इतिहास
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Zee Aadhyatm : गौरी शंकर मंदिर के दर्शन से पूरी होगी मनोकामना, जानिए सदियों पुराना इतिहास

भगवान शिव (God Shiva) का चांदनी चौक (Chandni Chowk) स्थित ये धाम यानी गौरी शंकर मंदिर (Gauri Shankar Mandir) लगभग 800 साल पुराना है. मंदिर की विशेषता की बात करें तो यहां का शिव लिंग भूरे रंग का है. शंभूनाथ को यहां चांदी के सर्पों ने घेर रखा है. 

गौरी शंकर मंदिर में 16 सोमवार के दर्शन और जलाभिषेक की विशेष मान्यता है....

नई दिल्ली : ज़ी आध्यात्म में आज राजधानी दिल्ली के भगवान भोलेनाथ के धाम गौरी शंकर मंदिर के दर्शन जहां सदियों पुराने इस मंदिर में साल भर भक्तों की भीड़ लगी रहती है. महादेव शिव आदि देव हैं,वे सृष्टि के आदि भी हैं और अंत भी. भगवान शिव आशुतोष हैं, वे जगत का आधार हैं. शिव भक्त मानते हैं कि भोलेनाथ भगवान शंकर को जब भी पुकारा जाए वो जरूर प्रकट होते हैं. बाबा भक्तों पर पड़ने वाले संकट का समूल नाश करते हैं. शिव अगर महारूद्र हैं तो भोले भी,इसीलिए भक्त उन्हें अलग-अलग उपायों से मनाते हैं. शिव को प्रसन्न करने के लिए जल चढ़ाते हैं और सोमवार का व्रत भी रखते हैं. जब लोगों में भगवान शिव के प्रति इतनी आस्था है तो दिलवालों की दिल्ली के दिल में भी भगवान शिव को तो विराजना ही था. 

  1. दिल्ली के गौरी शंकर मंदिर में आस्था का संगम
  2. साल भर खुला रहता है भोले का विशेष दरबार
  3. सोमवार को जलाभिषेक से विशेष फल की प्राप्ति

सदियों पुराना अद्भुत शिवलिंग
भगवान शिव (God Shiva) का चांदनी चौक (Chandni Chowk) स्थित ये धाम यानी गौरी शंकर मंदिर (Gauri Shankar Mandir) लगभग 800 साल पुराना है. मंदिर की विशेषता की बात करें तो यहां का शिव लिंग भूरे रंग का है. शंभूनाथ को यहां चांदी के सर्पों ने घेर रखा है. बाबा भोलेनाथ की इस अद्भुत छटा को देखने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु खींचे चले आते हैं. मंदिर में भगवान शिव के साथ माता पार्वती और उनके पुत्र गणेश और कार्तिकेय भी विराजित हैं. इन मूर्तियों को सोने के आभूषणों के सुसज्जित किया गया है.

मराठा सैनिक अप्पा ने बनवाया मंदिर 
मान्यता है कि इस मंदिर को मराठा सैनिक अप्पा गंगाधर ने बनाया था,जो कि बाबा शिव के एक परम भक्त थे,जो एक बार युद्ध में बुरी तरह घायल हो गए थे. उनके जीवित बचने की उम्मीद नहीं थी, तो उन्होंने कालों के काल महादेव से प्रार्थना करते हुए अपने जीवन की भिक्षा मांगी. अप्पा ने इसी के साथ एक मन्नत भी मांगी कि यदि उनकी जान बच गई तो वे महादेव भगवान शंकर का भव्य मंदिर बनाएंगे. मान्यता है कि भोलेनाथ शिवशंभू ने चमत्कार दिखाया, अप्पा बच गए तो उन्होंने यह मंदिर बनाया. 

बाद में सेठ जयपुरिया नाम के शिव भक्त ने 1959 में गौरी-शंकर मंदिर का जीर्णोद्धार कराया. 

कोरोना काल में विशेष इंतजाम
कोरोना काल भी भक्तों को अपने भोले बाबा से दूर न रख सका, भक्तों के लिए मास्क और सैनेटाइज़र की व्यवस्था की गई है.

सोमवार के दिन तो मंदिर में इतनी भीड़ होती है कि श्रद्धालू मंदिर में समाते तक नहीं है. सोमवार को शिवाभिषेक का विशेष महत्व है यानी शिव पर जलाभिषेक करने से भगवान सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं.

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