Chaturmas 2024: कब से शुरू हो रहा है चातुर्मास? इन 4 महीनों में किन कार्यों पर रहेगी पाबंदी
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Chaturmas 2024: कब से शुरू हो रहा है चातुर्मास? इन 4 महीनों में किन कार्यों पर रहेगी पाबंदी

चातुर्मास 2024: सनातन धर्म में चातुर्मास को बहुत महत्‍वपूर्ण माना गया है. देवशयनी एकादशी से चातुर्मास शुरू होने वाला है. इस दौरान कुछ काम वर्जित हैं. 

Chaturmas 2024: कब से शुरू हो रहा है चातुर्मास?  इन 4 महीनों में किन कार्यों पर रहेगी पाबंदी

Jain Chaturmas 2024 start and end date: देवशयनी एकादशी के दिन से चातुर्मास शुरू होता है. इस दिन से भगवान विष्‍णु 4 महीने के लिए योगनिद्रा में चले जाते हैं और देवउठनी एकादशी के दिन जागते हैं. इस दौरान कोई भी शुभ-मांगलिक कार्य नहीं होते हैं. बल्कि ज्‍यादा से ज्‍यादा समय भगवान की भक्ति में लगाया जाता है. चातुर्मास के दौरान कई महत्‍वपूर्ण व्रत-त्‍योहार भी पड़ते हैं. चातुर्मास के दौरान साधु-संन्‍यासी भ्रमण नहीं करते हैं, बल्कि एक ही स्‍थान पर रहकर भगवान की आराधना करते हैं. यही वजह है कि हिंदू धर्म के अलावा जैन धर्म में भी चातुर्मास को बहुत माना गया है. जैन साधु चातुर्मास के 4 महीनों में एक ही जगह पर रहकर तप करते हैं. आइए जानते हैं कि इस साल चातुर्मास कब से शुरू हो रहे हैं और कब तक चलेंगे. 

चातुर्मास 2024 कब से है? 

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल 17 जुलाई 2024 से चातुर्मास की शुरुआत हो रही है, जो कि 12 नवंबर 2024 को देवउठनी एकादशी पर समाप्‍त होगा. इन 4 महीनों में भगवान विष्‍णु, भगवान शिव, गणपति बप्‍पा और मां दुर्गा की विशेष पूजा-आराधना की जाती है. 

चातुर्मास में आएंगे कई प्रमुख व्रत-त्‍योहार 

चातुर्मास के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं, लेकिन यह समय धार्मिक कार्यों के लिए बहुत विशेष माना जाता है. इस समय में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और भजन-कीर्तन किया जाता है. चातुर्मास में ही भगवान शिव का समर्पित सावन महीना आता है. इसमें सावन सोमवार व्रत रखे जाते हैं. रक्षाबंधन, नागपंचमी, हरियाली तीज, संतान सप्‍तमी, करवा चौथ व्रत-त्‍योहार पड़ते हैं. 10 दिन का गणपति उत्‍सव, 15 दिन का पितृ पक्ष और 9 दिन की नवरात्रि आती हैं. साल का सबसे बड़ा पर्व दिवाली भी चातुर्मास के दौरान ही आता है. 

चातुर्मास में वर्जित कार्य  

चातुर्मास के 4 महीनों के दौरान मुंडन, जनेऊ संस्कार, गृहप्रवेश और सगाई-विवाह समेत सभी मांगलिक कार्य बंद हो जाएंगे. इसके अलावा घर का निर्माण कार्य शुरू करना, नए काम या व्‍यापार की शुरुआत करना भी अशुभ माना जाता है. इस दौरान भगवान का पूजा-पाठ, आराधना, भजन-कीर्तन और दान-पुण्‍य करना ही सर्वश्रेष्‍ठ माना गया है. भगवान विष्णु के योग निद्रा से जागने पर ही सभी प्रकार के शुभ कार्यों की शुरुआत होती है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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