2 सितारों का मिलन है 21 दिसंबर की सबसे लंबी रात, जानिए राशियों पर क्या होगा प्रभाव
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2 सितारों का मिलन है 21 दिसंबर की सबसे लंबी रात, जानिए राशियों पर क्या होगा प्रभाव

21 दिसंबर की रात को गुरु और शनि का अद्भुत मिलान (Great Conjunction) होगा. यदि रात को बादल न छाए तो यह खूबसूरत नजारा चांद के आस-पास देखने को मिलेगा. 17 जुलाई 1623 के बाद इस दिन ये दोनों ग्रह इतने करीब होंगे कि दोनों के बीच दूरी मात्र 0.1 डिग्री की रह जएगी. इसका राशियों पर भी प्रभाव देखने को मिलेगा.

फाइल फोटो.

नई दिल्ली: 21 दिसंबर (21st December) को बादल न छाए तो चांदनी रात में चांद के आस-पास दो और सितारों का अद्भुत और खूबसूरत मिलन देखने लायक होगा. ये दो ग्रह हैं, जो 17 जुलाई 1623 के बाद इस दिन इतने करीब होंगे कि दोनों के बीच मात्र 0.1 डिग्री की दूरी रह जएगी. इन्हें नंगी आखों से भी देखा जा सकता है और दूरबीन या टेलीस्कोप से भी.

  1. गुरु-शनि का महासंयोग यानी ‘ग्रेट कन्जंक्शन’ की स्थिति
  2. बड़ा जनाक्रोश देखने को मिल सकता है
  3. इस महासंयोग का प्रभाव व्यक्तिगत रूप से भी पड़ सकता है

आप अपने मोबाइल में ’स्टार ट्रैकर’ (Star Tracker) ऐप डाउनलोड करके भी इस महासंयोग और मिलन का रजाई में बैठ कर आनंद ले सकते हैं. दोनों ग्रह एक दूसरे के गले मिलते दिखेंगे. हालांकि 800 साल पहले भी ऐसा दृश्य दिखई दिया था लेकिन उस समय इनकी आपसी दूरी 13 डिग्री थी. अब यह नजारा 15 मार्च 2080 में फिर दिखाई देगा.

गुरु-शनि का महासंयोग यानी ‘ग्रेट कन्जंक्शन’
यह क्रिसमस के आस-पास की दुर्लभ खगोलीय घटना होगी, जिसे जनमानस में ‘क्रिसमस स्टार’(Christmas Star) भी कहा जाएगा और खगोलशास्त्र में ‘डबल प्लेनट' (Double Planet). ज्योतिष में यह गुरु-शनि का महासंयोग यानी ‘ग्रेट कन्जंक्शन’ (Great Conjunction) कहलाएगा.

ज्योतिष के अनुसार, गुरु और शनि, दोनों 10वीं अर्थात मकर राशि में चल रहे हैं. गुरु इस समय कमजोर हैं और शनि अपनी ही राशि में बलवान हैं. यदि लोक भविष्य की बात करें तो गुरु, जो सरकार को दर्शाता है, वह लगभग हर देश में कमजोर पड़ती दिख रही है. शनि जो जनता का भी कारक ग्रह है, वह इस समय बली होकर जनता को सरकारों पर हावी बना रहा है, चाहे भारत हो, पाकिस्तान हो या अन्य कोई भी देश.

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ऐसे होंगे प्रभाव 
इन दोनों ग्रहों की जुगलबंदी से राजनीतिक दलों में बिखराव, जन आंदोलनों में आक्रोश, ठंड के बरसों पुराने टूटते रिकॉर्ड, आर्थिक मंदी आदि परिलक्षित होंगे. गुरु-शनि जब तक दूर नहीं होते, यह गतिरोध बना रहेगा. चूंकि गुरु नवंबर से मकर की नीच राशि में कमजोर हो गया है और शनि अपनी ही मकर राशि में बलवान हो गया है, इसलिए सरकार को नर्म होना पड़ेगा. धीरे धीरे कुछ संशोधन होंगे. अभी किसान आंदोलन (Farmers Protest) चलेगा. दोनों ओर से दबाव बनेगा और आपसी टकराव चलता रहेगा.

आ सकता है बड़ा जनाक्रोश
अप्रैल में 6 तारीख से जब गुरु, शनि से अलग होंगे, तब जाकर कोरोना (Coronavirus) और किसान समस्या का ठीक से हल निकलेगा. परंतु इससे पहले फरवरी में जब 5 ग्रह मकर राशि में होंगे, तब एक बार फिर ऐसा जन आक्रोश किसी भी कारण से देखने को मिल सकता है. शनि न्यायाधीश की भूमिका निभाएंगे और न्यायालयों को जनता की समस्याओं को सुलझाने के लिए बार-बार आगे आना पड़ेगा.

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किस राशि पर क्या रहेगा असर 
धनु और मीन राशियों के स्वामी गुरु हैं तो मकर व कुंभ के शनि हैं. इन चारों राशियों के लोगों पर इस गुरु-शनि के महासंयोग का प्रभाव व्यक्तिगत रूप से भी पड़ सकता है. धनु, मकर तथा कुंभ राशि वाले वैसे भी साढ़ेसाती के प्रभाव में हैं. ऐसे जातकों को क्रमशः ओम् गुरुवाय नमः तथा ओम् श्नैश्चरायै नमः का पाठ करते रहना चाहिए.

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