धर्मनगरी हरिद्वार में मां गंगा के घाट पर ब्रह्मूहर्त में कई श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई. कार्तिक पूर्णिमा स्नान के लिए गंगा घाटों पर विशेष तैयारियां की गई हैं.
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नई दिल्ली: पूरे देश में कार्तिक मास की पूर्णिमा मनाई जा रही है. कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर लाखों श्रद्धालु गंगा घाटों पर पहुंच रहे हैं और अस्था की डुबकी लगा रहे हैं. पतित पावन हरिद्वार में मां गंगा में स्नान करने वालों की श्रद्धालुओं भीड़ लगातार बढ़ रहा है. कुछ ऐसा ही हाल वाराणसी, प्रयागराज, कानपुर और अयोध्या के घाटों पर है. गुरुवार शाम से ही श्रद्धालुओं की भीड़ गंगा घाटों पर जुटना शुरू हो गई थी. धर्मनगरी हरिद्वार में मां गंगा के घाट पर ब्रह्मूहर्त में कई श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई. कार्तिक पूर्णिमा स्नान के लिए गंगा घाटों पर विशेष तैयारियां की गई हैं.
शास्त्रों के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान श्रीहरि ने मत्स्यावतार के रूप में प्रकट हुए थे. भगवान विष्णु के इस अवतार की तिथि होने की वजह से आज किए गए दान, जप का पुण्य दस यज्ञों से प्राप्त होने वाले पुण्य के बराबर माना जाता है. बाबा भोलेनाथ की नगरी काशी में भी गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं ने श्रद्धा-भक्ति से स्नान किया.
गंगा स्नान का महत्व
कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान दान का विशेष महत्व है. इस दिन गंगा स्नान कर लोग पूजा करते हैं. कार्तिक पूर्णिमा को गंगा स्नान का वैज्ञानिक महत्व है. इस दिन चंद्रमा की रोशनी का सबसे अधिक आकर्षण पानी में होता है. शरीर का अधिकतम भाग में पानी होता है. जब गंगा में स्नान करते हैं, तो चंद्रमा के किरणों का प्रवेश शरीर के समस्त अंगों में पड़ता है. इससे सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है. इस दौरान जल में खड़े होकर स्नान करने से वैज्ञानिक दृष्टि से शरीर के लिए लाभदायक है.
12 मासों में सर्वश्रेष्ठ है कार्तिक मास
एक बार ब्रह्मा जी ने सभी मासों को, तराजू के एक पलड़े पर रखा और दूसरे पलड़े पर सिर्फ कार्तिक मास को रखा. लेकिन दोनों को साथ तौलने पर कार्तिक का पलड़ा ही भारी पड़ा. वैसे तो शास्त्रों में बारह महीनों में मार्गशीष माह को अत्यंत पुण्य देने वाला माना गया है. लेकिन मार्गशीष से ज्यादा फल नर्मदा तट पर वैशाख मास में मिलता है. इससे भी लाख गुना फल माघ में प्रयाग में मिलता है. लेकिन कार्तिक मास की पूजा का फल सबसे ज्यादा है, क्योंकि इसी महीने में भगवान 4 महीने की योगनिद्रा से जागते हैं. कार्तिक व्रत भी श्रीकृष्ण भगवान को बहुत प्रिय है.
दान का खास महत्व
कार्तिक पूर्णिमा के दिन दान का विशेष महत्व है. इस दिन जो भी दान किया जाता है उसका कई गुना पुण्य प्राप्त होता है. इस दिन अन्ना, धन व वस्त्र दान का विशेष महत्व है. मान्यता तो यह भी है कि इस दिन व्यक्ति जो भी दान करता है वह मृत्युपरांत स्वर्ग में उसे पुन: प्राप्त होता है.