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Falgun Amavasya Snan Muhurat 2024: हिंदू धर्म में अमावस्या का बहुत अधिक महत्व बताया गया है. इस बार फाल्गुन मास की अमावस्या 10 मार्च यानी आज पड़ रही है. इस दिन विशेष तौर पर भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है. अमावस्या के दिन स्नान-दान का अधिक महत्व होता है. कहते है इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से व्यक्ति के सारे पाप धुल जाते हैं. इसके साथ ही इस दिन पितरों की आत्मा की शांति लोग तर्पण भी करते हैं. तो आइए जानते हैं फाल्गुन अमावस्या की शुरुआत कब से हो रही है? क्या है शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और जानिए कैसे करें तर्पण?
फाल्गुन अमावस्या कब से लगेगी?
फाल्गुन मास की अमावस्या तिथि की शुरुआत 9 मार्च शाम 6 बजकर 17 मिनट से हो रही है. वहीं इसका समापन 10 मार्च दोपहर 2 बजकर 29 मिनट को होगा. उदया तिथि के मुताबिक अमावस्या 10 मार्च के दिन पड़ रही है.
अमावस्या स्नान दान का मुहूर्त
फाल्गुन मास में स्नान दान का भी विशेष महत्व होता हैय इस दिन स्नान दान के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 20 से शुरु होकर 6 बजकर 21 मिनट तक का है.
फाल्गुन अमावस्या पूजन विधि
फाल्गुन अमावस्या के दिन सुबह स्नान आदि से निवृत होकर मंदिर की अच्छे से साफ-सफाई करे. इसके बाद भगवान विष्णु की पूरे विधि-विधान से पूजा करे. उन्हें पीला चंदन और पीले फूल अर्पित करें. पूजा के दौरान विष्णु चालीसा का पाठ जरूर करें और भोग में तुलसी का उपयोग भी जरूर करें.
यूं करें पितरों का तर्पण
फाल्गुन अमावस्या पर स्नान दान के साथ पितरों का तर्पण भी किया जाता है. इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है. पितरों का तर्पण करने के लिए एक लोटे में जल, सफेद फूल काला तिल डालकर पितरों को जल अर्पित करें. इसके लिए जल हथेली में लेकर अंगूठे की ओर से चढ़ाएं. माना जाता है कि हथेली के जिस भाग पर अंगूठा होता है उसे पितृ तीर्थ कहा जाता है. कहते हैं इससे पूर्वजों की आत्मा तृप्त हो जाती है और वे अपने वंशज को खुशहाली का आशीर्वाद देते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)