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नई दिल्ली: साल 2021 का पहला चंद्रग्रहण (Lunar Eclipse) 26 मई को लगने जा रहा है. वैशाख पूर्णिमा के दिन लगने वाला यह ग्रहण पूर्ण चंद्रग्रहण होगा. हालांकि यह उपछाया चंद्रग्रहण है, लिहाजा इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा. ज्योतिष के मुताबिक सिर्फ उन्हीं ग्रहणों का धार्मिक महत्व होता है, जिन्हें खुली आंखों से देखा जा सके. उपछाया चंद्रग्रहण को देखने के लिए खास सोलर फिल्टर वाले चश्मों की जरूरत होती है.
हिंदू धर्म में ग्रहण को बहुत अहम माना गया है. ग्रहण के दौरान क्या काम करने चाहिए और क्या नहीं, इसे लेकर विस्तार से बताया गया है. ग्रहण के दौरान शुभ कामों के अलावा कई अन्य कामों को भी वर्जित किया गया है. साथ ही ग्रहण के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए दान-पुण्य करने के लिए भी कहा गया है. जानते हैं ग्रहण के समय क्या करना चाहिए और क्या नहीं.
- वास्तविक ग्रहण के समय किसी भी तरह का शुभ काम नहीं करना चाहिए.
- चंद्रग्रहण के समय ना तो भगवान की मूर्ति छूनी चाहिए और ना ही मंदिर के कपाट खुले रखने चाहिए.
- ग्रहण के दौरान भोजन बनाने और खाने दोनों को ही वर्जित बताया गया है. ताकि सेहत पर ग्रहण का बुरा असर न पड़े. इसके अलावा पहले से बनाकर रखे हुए भोजन, दूध आदि में भी ग्रहण शुरू होने से पहले ही तुलसी के पत्ते डाल देने चाहिए.
- ग्रहण के दौरान वाद-विवाद नहीं करना चाहिए. साथ ही पति-पत्नी को इस दौरान संयम रखने के लिए भी कहा गया है.
- ग्रहण काल में गर्भवती स्त्रियों को बाहर नहीं निकलना चाहिए. हो सके तो इस दौरान उन्हें अपने पास एक नारियल रखना चाहिए.
उपछाया चंद्रग्रहण में चंद्रमा पर कुछ देर के लिए पृथ्वी की छाया पड़ती है जिस कारण से चंद्रमा मटमैला दिखाई देता है. हालांकि भारत में यह ग्रहण दिन के समय होगा लिहाजा इसे यहां नहीं देखा जा सकेगा. यह चंद्रग्रहण 26 मई 2021, बुधवार को दोपहर में 2 बजकर 17 मिनट पर शुरू होगा और शाम 7 बजकर 19 मिनट तक रहेगा. यह अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी यूरोप, पूर्वी एशिया और प्रशांत महासागर में दिखाई देगा.
(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)