आइए प्रथम पूजनीय और लोक कल्याण के देवता गणपति के शरीर के अंगो का महत्व जानते हैं.
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नई दिल्ली: रिद्धि-सद्धि के दाता गणपति के शरीर का प्रत्येक अंग अपने आप में न सिर्फ विचित्र है बल्कि कई गुणों को समाहित किए हुए है. जीवन से जुड़े तमाम कष्टों और बाधाओं को दूर करने वाले श्री गणेश की सवारी चूहा भी हमें एक बड़ी सीख देता है. आइए प्रथम पूजनीय और लोक कल्याण के देवता गणपति के शरीर के अंगो का महत्व जानते हैं.
मस्तक —
गणपति का विशाल मस्तक हमें गंभीर रहते हुए नेतृत्व करने का ज्ञान देता है. बड़ा मस्तक हमें उदार रहते हुए धन, शक्ति आदि को अर्जित करने के लिए किसी को अनावश्यक कष्ट नहीं देने की सीख देता है.
नेत्र —
गणपित की आंखें भले ही छोटी हों लेकिन वह दूरदृष्टि रखती हैं. चीजों को बड़ा देखती हैं. कहने का तात्पर्य हम दूसरों को कभी छोटा न समझें. चीजों को विस्तार से देखें और समझें, तभी कोई निर्णय लें.
कान —
गणपति के बड़े कान हमें दूसरों की बातों को सही तरह से सुनने को प्रेरित करते हैं. गणपति के बड़े कान का अर्थ होता है अधिक बोलने की बजाय दूसरे को अधिक से अधिक सुनना, उसकी अच्छी बातों को अधिक से अधिक ग्रहण करना और उसके बाद प्रतिक्रिया देना.
सूंड —
गणपति की लंबी सूंड या नाक हमें शिक्षा देती हैं कि अपनी नाक बड़ी करने यानि मान-सम्मान हासिल करने के लिए हमें हमेशा सक्रिय रहते हुए बड़े कार्य करने होंगे. गणपति की मूर्ति पूजन में दांयी और बाईं सूड का भी विशेष महत्व है. दायीं सूंड वाले गणपति जहां सुख-समृद्धि और वैभव प्रदान करते हैं, वहीं बाईं सूड वाले गणपति आपकी सभी विघ्न-बाधाओं को दूर करते हुए शत्रुओं पर विजय का आशीर्वाद देते हैं.
दांत —
कहतें हैं कि हाथी के दांत दिखाने के अलग और खाने के अलग होते हैं. गणपति के मुंह के भीतर और बाहर के दांत भी हमें यह शिक्षा देते हैं कि हम अपने आस-पास कपटी शत्रुओं के कपटपूर्ण व्यवहार को जानते हुए भी उनसे प्रेम से बोलें और साथ ही साथ उनके छल का समाधान खोजते रहें.
पेट —
गणपति का बड़ा पेट हमें तमाम तरह की उचित-अनुचित बातों को हजम कर जाने का संदेश देता है. यदि किसी ने हम पर विश्वास जताते हुए कोई बात कही है तो हम उसे अपने पेट तक ही सीमित रखें, किसी दूसरे को न बताएं. किसी की चुगली न करें.
चूहा —
गणपति की सवारी चूहे की बात करें तो वह बगैर किसी कारण सुंदर से सुंदर चीजों को कुतरता रहता है. ऐसे में गणपति द्वारा चूहे की सवारी हमें यह सीख देती है कि जीवन में कुतर्क रूपी इस छोटे से चूहे को जो हमारे जीवन में काफी नुकसान पहुंचाता है, उसे हमेशा दबाए रखें। उस पर हमेशा सवार रहें.