Ganga Dussehra 2023: आज गंगाजल से जुड़ी ये गलतियां खड़ी कर सकती हैं भयंकर परेशानियां, रखें ध्यान
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Ganga Dussehra 2023: आज गंगाजल से जुड़ी ये गलतियां खड़ी कर सकती हैं भयंकर परेशानियां, रखें ध्यान

Ganga Dussehra Upay: हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन गंगा दशहरा मनाया जाता है. इस दिन मां गंगा की विशेष उपासना की जाती है. कहते हैं कि इस दिन मां गंगा धरती पर अवतरित हुई थीं. गंगा दशहरा के दिन पवित्र नदी में स्नान का भी विशेष महत्व बताया गया है. जानें इस दिन गंगाजल को लेकर किन बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है.

 

फाइल फोटो

Gangajal Upay: हिंदू शास्त्रों के ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन देशभर में गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाएगा. इस दिन स्नान-दान का विशेष महत्व बताया गया है. कहते हैं कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से भक्तों को पापों से मुक्ति मिल जाती है. इतना ही नहीं, इस दिन कुछ चीजों का दान व्यक्ति को शुभ फल प्रदान करता है.

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन मां गंगा धरती पर अवतरित हुई थीं. ऐसा माना जाता है कि इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से व्यक्ति तो मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है और इस जन्म में पापों से मुक्ति मिलती है. कहते हैं कि इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से जीवन में आ रही सभी प्रकार की समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है. गंगा दशहरा के दिन व्यक्ति को गंगाजल से जुड़े कुछ नियमों को ध्यान रखना चाहिए.

गंगाजल से जुड़े इन नियमों का करें पालन

- शास्त्रों के अनुसार गंगाजल को लेकर कुछ बातों का खास क्याल रखना चाहिए. इसे सोने के स्थान, रसोई घर या फिर खाने के स्थान पर भूलकर भी नहीं रखना चाहिए. इसे किसी अंधेरी जगह पर भी नहीं रखना चाहिए. अगर कोई ऐसा करता है, तो इससे इसकी पवित्रता कम हो जाती है.

- वास्तु शास्त्र के अनुसार गंगाजल को हमेशा पवित्र जगह पर ही रखना चाहिए. या फिर इसे मंदिर में ही स्थापित करें. इससे जल की पवित्रता बनी रहती है. साथ ही, जल भी अशुद्ध नहीं होता.

- गंगाजल को कभी भी गंदे हाथों से स्पर्श नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से व्यक्ति के घर में नकारात्मक ऊर्जा का विस्तार होता है. ऐसे में गंगाजल को स्पर्श करते समय स्वस्थ हाथों का इस्तेमाल करें.

- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्ति को गंगाजल को कभी भी सूर्य ग्रहण या फिर चंद्र ग्रहण के दौरान भूलकर भी नहीं छूना चाहिए. वहीं, ग्रहण के बाद घर की शुद्धि के लिए गंगाजल का प्रयोग किया जाता है.

गंगा दशहरा तिथि 2023

वैदिक पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 29 मई रात्रि 11 बजकर 49 मिनट से शुरू हो रही है और इसका समापन 30 मई दोपहर 01 बजकर 07 मिनट तक रहेगी. उदयातिथि के अनुसार गंगा दशहरा 30 मई को मनाया जाएगा.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

 

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