Ganga Snan 2024 Muhurta: धार्मिक विद्वानों के मुताबिक, जो जातक कार्तिक पूर्णिमा पर गंगाजी में स्नान करके उचित दान करते हैं, उन्हें सभी सभी पापों से मुक्ति मिलने के साथ ही मोक्ष की प्राप्ति भी होती है. आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं.
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Ganga Snan 2024 Kab Hai: सनातन धर्म में कार्तिक पूर्णिमा पर होने वाले गंगा स्नान को बेहद शुभ माना जाता है. कार्तिक मास की पूर्णिमा पर होने वाले इस स्नान को करने के लिए लाखों श्रद्धालु गंगा जी के तट पर पहुंचते हैं, जिससे मेले जैसा माहौल बन जाता है. मान्यता है कि इस पावन दिन पर जो जातक गंगा स्नान करते हैं, उन्हें पापों से मुक्ति मिल जाती है और जीवन के उपरांत वे मोक्ष को प्राप्त करते हैं. इस दिन भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा का भी विधान है. आइए जानते हैं कि इस साल गंगा स्नान की सही तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि क्या है.
गंगा स्नान की तिथि 2024 (Ganga Snan Date 2024)
इस बार कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान की तिथि 15 नवंबर 2024 को सुबह 6.19 बजे से शुरू हो रही है. इस तिथि का समापन 16 नवंबर को तड़के 2.58 मिनट पर हो जाएगा. चूंकि उदयातिथि 15 नवंबर को पड़ रही है, इस लिहाज से गंगा स्नान 15 नवंबर को ही माना जाएगा.
कार्तिक पूर्णिमा 2024 स्नान-दान शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के मुताबिक, इस बार कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान और उसके बाद दान देने का शुभ समय करीब एक घंटे का रहेगा. यह शुभ सुबह 4 बजकर 58 मिनट से शुरू होकर सुबह 5 बजकर 51 मिनट तक चलेगा. जबकि भगवान सत्यनारायण की पूजा का समय सुबह 6.44 बजे से 10.45 बजे तक रहेगा. चंद्रोदय शाम 4.51 बजे होगा.
देव दीपावली पूजा शुभ मुहूर्त
कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही देव दीपावली भी मनाई जाती है. इस बार देव दीपावली की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:10 बजे से लेकर रात 7:47 बजे तक रहेगा. वहीं मां लक्ष्मी के पूजन का शुभ मुहूर्त 15 नवंबर को रात 11:39 बजे बजे से 16 नवंबर को सुबह 12:33 बजे तक होगा. आप इस अवधि के दौरान कभी भी दोनों ईश की पूजा कर सकते हैं.
अगर स्नान के लिए गंगाजी न जा पाएं तो?
अगर किसी मजबूरी की वजह से आप कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान के लिए न जा पाएं तो आप इस दिन सुबह जल्दी उठकर ब्रह्म मुहूर्त में उठें और नित्य क्रिया के बाद घर में ही स्नान करें. बाल्टी में पानी भरने के बाद आप उसमें थोड़ा सा गंगाजल मिला लें. इसके बाद भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को याद करते हुए धीरे-धीरे स्नान करें. स्नान के पश्चात दोनों देवों की पूजा करें और फिर उन्हें भोग लगाएं. भोग के पश्चात दिन में किसी न किसी जरूरतमंद को दान जरूर दें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)