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नई दिल्ली: हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण पुराणों में से एक है गरुड़ पुराण (Garuda Puran) जिसे मृत्यु के बाद सुनने का प्रावधान है. गरुड़ पुराण में कुल 19 हजार श्लोक हैं जिसमें मनुष्य के कर्म के अनुसार उसे कैसे फल मिलते हैं इस बारे में विस्तार से चर्चा की गई है. यहां तक की व्यक्ति का जीवन कैसे खुशहाल हो इन नीतियों के बारे में भी गरुड़ पुराण में बताया गया है. इसी क्रम में गरुड़ पुराण में एक श्लोक मिलता है जिसमें बताया गया है कि उन सात बेहद पवित्र चीजों (Seven auspicious things) के बारे में जिन्हें देख लेने भर से मनुष्य को पुण्य की प्राप्ति होती है (Virtue is attained).
गोमूत्रं गोमयं दुग्धं गोधूलिं गोष्ठगोष्पदम्।
पक्कसस्यान्वितं क्षेत्रं द्ष्टा पुण्यं लभेद् ध्रुवम्।।
अर्थात: गोमूत्र, गोबर, गाय का दूध, गोधूलि, गौशाला, गोखुर और पकी हुई फसल से भरपूर खेत देख लेने मात्र से ही पुण्य फल की प्राप्ति होती है.
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1. गोमूत्र- हिंदू धर्म में गाय को माता और दैवीय पशु माना जाता है इसलिए गोमूत्र (Gomutra) को भी शास्त्रों में बेहद पवित्र माना गया है. ऐसी मान्यता है कि गोमूत्र में मां गंगा का वास होता है. आयुर्वेद में गोमूत्र का प्रयोग औषधि के रूप में भी किया जाता है. इसलिए गरुड़ पुराण के अनुसार गोमूत्र को देख लेने मात्र से पुण्य की प्राप्ति होती है.
2. गोबर- गोमूत्र की ही तरह गोबर (Gobar) को भी सनातन धर्म में बेहद पवित्र माना जाता है. पूजा घर को गोबर से लीपकर पवित्र बनाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. पूजा में भी गौरी और गणेश की प्रतिमा गाय के गोबर से ही बनायी जाती है. ऐसे में गरुड़ पुराण का कहना है कि अगर आप गोबर को देख लें तो इससे भी आपको शुभ फल और पुण्य मिलता है.
3. गाय का दूध- गाय के दूध (Cow milk) को सदियों से अमृत समान माना जाता है. पूजा में बनने वाले पंचामृत में भी गाय के दूध का ही इस्तेमाल किया जाता है. आयुर्वेदिक इलाज में भी गाय के दूध का इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे में गरुड़ पुराण की मानें तो गाय का दूध देखने से भी पुण्य की प्राप्ति होती है.
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4. गोधूलि- गोधूलि (Godhuli) का अर्थ है गाय के पैरों की धूल. साथ ही शाम और रात के बीच के समय को भी गोधूलि बेला कहा जाता है. सनातन धर्म में गाय के पैरों की धूल को भी पुण्य देने वाला माना गया है. इसलिए गरुड़ पुराण में गोधूलि को देखने से भी पुण्य प्राप्त होने की बात कही जा रही है.
5. गौशाला- गौशाला (Gaushala) यानी वह जगह जहां गायें रहती हैं इसलिए गौशाला को भी पवित्र माना जाता है. गरुड़ पुराण के अनुसार गौशाला के दर्शन भर से ही आप पुण्य के भागीदार बन सकते हैं.
6. गोखुर- गोखुर (Gokhur) यानी गाय के पांव. जिस तरह बुजुर्गों के पैर छूकर आशीर्वाद लेने से पुण्य की प्राप्ति होती है, और गाय के पैरों की धूल को पुण्य देने वाला माना गया है, ठीक उसी तरह गाय के पैर यानी खुर को देखना भी पुण्य देने के बराबर है.
7. पकी हुई फसल का खेत- गरुड़ पुराण के अनुसार पकी हुई फसल का खेत (Field with crop) देखने से भी पुण्य की प्राप्ति होती है. इसका कारण ये है कि पकी हुई फसल से भरा खेत किसान की मेहनत और समृद्धि का सूचक है.
(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)