Garuda Purana: इन 5 तरह के लोगों के घर कभी नहीं करना चाहिए भोजन, खत्म हो जाते पुण्यकर्म; भोगना पड़ता है नरक
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Garuda Purana: इन 5 तरह के लोगों के घर कभी नहीं करना चाहिए भोजन, खत्म हो जाते पुण्यकर्म; भोगना पड़ता है नरक

Garuda Purana: गरुड़ पुराण (Garuda Purana) सनातन धर्म का एक महान आध्यामिक ग्रंथ ही नहीं हैं. इसमें जीवन को बेहतर बनाने के ऐसे श्रेष्ठ उपाय भी बताए गए हैं, जिनके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे. 

Garuda Purana: इन 5 तरह के लोगों के घर कभी नहीं करना चाहिए भोजन, खत्म हो जाते पुण्यकर्म; भोगना पड़ता है नरक

Garuda Purana: गरुड़ पुराण (Garuda Purana) सनातन धर्म का ऐसा ग्रंथ है, जिसमें आध्यात्म और जीवन को बेहतर बनाने के लिए श्रेष्ठ मानवीय मूल्य बताए गए हैं. इस ग्रंथ के आचार कांड में वर्णन किया गया है कि हमें किस प्रकार के लोगों के घर कभी भोजन नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से हमें मृत्यु उपरांत नरक भोगना पड़ता है और हमारे सारे पुण्य कर्म खत्म हो जाते हैं. आइए जानते हैं कि वे 5 प्रकार के लोग कौन हैं, जिनके घर हमें कभी भोजन नहीं करना चाहिए. 

किन्नर के घर भोजन करना ठीक नहीं

गरुड़ पुराण (Garuda Purana) के मुताबिक किन्नरों को भोजन करवाना और दान देना पुण्य का कार्य माना जाता है. लेकिन भूलकर भी उनके यहां पर कभी भोजन नहीं करना चाहिए. इसकी वजह ये है कि अपनी जीवनयापन के लिए किन्नर समाज के विभिन्न लोगों से धन अर्जित करते हैं. इनमें कई ऐसे लोग भी होते हैं, जिन्होंने गलत कामों से संपत्ति कमाई होती है. उनका दिया हुआ दान जब किन्नरों के घर पहुंचता है तो वह अपवित्र होता है. ऐसे में किन्नरों के घर भोजन करके आप अनजाने में उस गलत तरीके से कमाए गए धन के भागी बन सकते हैं. 

साहूकार या सूदखोर के घर न करें भोजन

साहूकार या सूदखोरी का धंधा करने वाले अधिकतर लोग दूसरे लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर धन बटोरते है. लोग मजबूरी में मूलधन के साथ ही उन्हें मोटा ब्याज चुकाने के लिए भी विवश होते हैं. इसके लिए उनकी सूदखोर के लिए बददुआएं निकलती हैं. गरुड़ पुराण (Garuda Purana) के अनुसार, हमें कभी भी किसी सूदखोर के यहां भोजन नहीं करना चाहिए और न ही कोई उपहार लेना चाहिए. ऐसा करने से हम भी उसे मिलने वाली बददुआओं के भागीदार बन सकते हैं.

नशे के सौदागर की संगत से बचें

किसी भी तरह की नशीली वस्तु का कारोबार करने वाले लोग समाज के लिए दीमक की तरह होते हैं. ये लोग धीरे-धीरे युवाओं को नशे का आदी बनाकर समाज को अंदर ही अंदर खोखला करते रहते हैं. इनके कभी न भरने वाले लालच की वजह से सैकड़ों घर हमेशा के लिए बर्बाद हो जाते हैं. अगर हम ऐसे लोगों से किसी भी तरह का वास्ता रखते हैं या उनके यहां कभी भोजन करते हैं तो हमें भी आगे चलकर निश्चित रूप से उसके दुष्परिणाम झेलने पड़ते हैं. 

बदमाश या लुटेरों से रहें दूर

गरुड़ पुराण (Garuda Purana) के मुताबिक जो लोग आपराधिक कार्यों में लिप्त हों, उनसे हमेशा दूरी बनाकर रखनी चाहिए. ये लोग खुद तो डूबते ही हैं, अपनी संगत में आने वाले लोगों को भी तबाह कर देते हैं. ग्रंथ में कहा गया है कि ऐसे लोगों से न तो कभी कोई दान-उपहार लेना चाहिए और न ही कभी उनके घर भोजन करना चाहिए. इसकी वजह ये होती है कि ऐसे अपराधी लोगों को कई पीड़ितों की हाय लगी होती है. ऐसे में उनके साथ भोजनकर करके आप भी उनके कुकृत्यों में अनजाने में सहभागी बन जाते हैं. जिसका खामियाजा आपके पूरे परिवार को भुगतना पड़ता है. 

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रोगी व्यक्ति के घर न करें भोजन

अगर कोई व्यक्ति गंभीर रूप से बीमार हो तो उसके घर भोजन करने से बचना चाहिए. इसकी वजह ये है कि बीमार व्यक्ति के घर में वायरस और बैक्टीरिया का जमघट होता है. जिसका असर वहां बनने वाले भोजन पर भी पड़ता है. दूसरी बात ये होती है कि बीमार व्यक्ति पहले से ही परेशान होता है. ऐसे में आप उसके यहां भोजन करने पहुंच जाएं तो उसकी परेशानी और बढ़ जाती है. ऐसे में मानवीयता और स्वास्थ्य को देखते हुए हमें बीमार व्यक्ति के घर कभी भी भोजन नहीं करना चाहिए. 

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