Hajj 2022: आज से शुरू हो गया हज! नहीं जानते होंगे इस पवित्र यात्रा से जुड़ी ये अनोखी बातें
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Hajj 2022: आज से शुरू हो गया हज! नहीं जानते होंगे इस पवित्र यात्रा से जुड़ी ये अनोखी बातें

Hajj Yatra 2022: इस्लाम धर्म में हज यात्रा को बहुत अहम माना गया है. कहा गया है कि शारीरिक और आर्थिक रूप से सक्षम हर मुसलमान को अपने जीवन में कम से कम एक बार हज पर जरूर जाना चाहिए. साल 2022 की हज यात्रा आज 7 जुलाई से शुरू हो गई है.

फाइल फोटो

Hajj 2022 Date: इस्‍लाम के 5 स्‍तंभों में से एक मानी गई हज यात्रा आज 7 जुलाई, गुरुवार से शुरू हो गई है. हज यात्रा को इस्‍लाम में इतना महत्‍वपूर्ण माना गया है कि हर मुसलमान को जीवन में कम से कम एक बार हज पर जरूर जाने के लिए कहा गया है. हालांकि हज यात्रा करना आसान नहीं होता है, इसके लिए खासी रकम की जरूरत होती है और कई कठिन नियमों का पालन भी करना पड़ता है. आइए जानते हैं इस्‍लाम में हज करने को लेकर क्‍या-क्‍या नियम बताए गए हैं और यह यात्रा कैसे की जाती है. 

धुल हिज्‍जा महीने से शुरू होती है हज यात्रा 

हज यात्रा धुल हिज्‍जा महीने में की जाती है, जो कि इस्‍लामिक कैलेंडर का साल का 12वां महीना होता है. धुल हिज्‍जा महीने के 8वीं तारीख से हज यात्रा शुरू होती है और 10वीं तारीख को बकरीद मनाई जाती है. हज यात्रा सऊदी अरब के पवित्र शहर मक्‍का में की जाती है. कोरोना प्रतिबंधों के चलते 2 साल से काफी कम लोग हज यात्रा में हिस्‍सा ले पा रहे थे लेकिन इस साल यात्रियों की संख्‍या में बड़ा इजाफा देखा जा रहा है. 

अल्‍लाह के करीब आने के लिए करते हैं हज 

इस्‍लाम में कहा गया है कि जो भी व्‍यक्ति आर्थिक और शारीरिक रूप से सक्षम है उसे अपने जीवन में कम से कम एक बार हज यात्रा जरूर करनी चाहिए. हज यात्रा करने से व्‍यक्ति के पाप नष्‍ट होते हैं और वह अल्‍लाह के करीब आता है. 

हज यात्रा से जुड़े अहम तथ्‍य 

- हज यात्री धुल हिज्‍जा महीने के सातवे दिन मक्‍का पहुंचते हैं और इहराम बांधते हैं. यह एक तरह का सफेद रंग का बिना सिला हुआ कपड़ा होता है, जिसे पुरुष शरीर पर लपेटते हैं, वहीं महिलाएं हिजाब के साथ कोई भी सादा कपड़ा पहन सकती हैं. 

- इहराम पहनने के बाद तवाफ होता है. यानी कि हज यात्रा करने वाले हाजी हज के पहले दिन काबा के 7 चक्‍कर लगाते हैं और फिर सफा और मरवा पहाड़ी के भी 7 चक्‍कर लगाते हैं. इसके बाद हाजी मक्‍का से 8 किलोमीटर दूर मीना में रात की नमाज पढ़ते हैं. 

- हज यात्रा के दौरान जमारात पर पत्‍थर फेंकने की रस्‍म भी बहुत अहम होती है. इसके साथ ही हाजी अल्‍लाह से अपने पापों को माफ करने की दुआ मांगते हैं. इसके लिए वे एक पूरी रात खुले में बिताते हैं. इसी दिन बकरीद मनाई जाती है. 

- हज यात्रा के बाद हाजी अपना मुंडन कराते हैं. कुछ लोग अपने बाल कटाते हैं. इसके साथ ही हज यात्रा पूरी होती है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

 

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