Holika Dahan Puja 2024: रंगो के त्याहोर का लोगों को सालभर से इंतजार रहता है. वैदिक पंचांग के अनुसार फाल्गुम महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन किया जाता है और अगले दिन रंगों वाली होली खेली जाती है. इस
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Shri krishna Ashtakam: रंगो के त्याहोर का लोगों को सालभर से इंतजार रहता है. वैदिक पंचांग के अनुसार फाल्गुम महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन किया जाता है और अगले दिन रंगों वाली होली खेली जाती है. इस साल होलिका दहन आज यानी 24 मार्च को किया जाएगा और 25 मार्च यानी कल रंगो वाली होली खेली जाएगी. होलिका दहन का दिन काफी शुभ माना जाता है. इस दिन खास तरह की पूजा करना से कई प्रकार की समस्याएं खत्म हो सकती हैं.
करें श्री कृष्ण अष्टकम स्तोत्र का पाठ
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार होली का त्योहार भगवान कृष्ण और राधा जी से संबंध रखता है. होलिका दहन पर कृष्ण जी की पूजा कर आप उनकी विशेष कृपा पा सकते हैं. इस शुभ अवसर पर भक्तिभाव से श्री कृष्ण अष्टकम स्तोत्र का पाठ कर उनको प्रसन्न कर सकते हैं. कहा जाता है कि इस स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति की कई समस्याएं दूर होती हैं और भगवान कृष्ण के आशीर्वाद से मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं.
यहा पढ़ें श्री कृष्ण अष्टकम स्तोत्र (Shri krishna Ashtakam Lyrics in Hindi)
भजे व्रजैकमण्डनं समस्तपापखण्डनं,
स्वभक्तचित्तरञ्जनं सदैव नन्दनन्दनम् ।
सुपिच्छगुच्छमस्तकं सुनादवेणुहस्तकं,
अनंगरंगसागरं नमामि कृष्णनागरम् ॥ १ ॥
मनोजगर्वमोचनं विशाललोललोचनं,
विधूतगोपशोचनं नमामि पद्मलोचनम् ।
करारविन्दभूधरं स्मितावलोकसुन्दरं,
महेन्द्रमानदारणं नमामि कृष्णवारणम् ॥ २ ॥
कदम्बसूनकुण्डलं सुचारुगण्डमण्डलं,
व्रजाङ्गनैकवल्लभं नमामि कृष्ण दुर्लभम् ।
यशोदया समोदया सगोपया सनन्दया,
युतं सुखैकदायकं नमामि गोपनायकम् ॥ ३ ॥
सदैव पादपङ्कजं मदीयमानसे निजं
दधानमुत्तमालकं नमामि नन्दबालकम् ।
समस्तदोषशोषणं समस्तलोकपोषणं,
समस्तगोपमानसं नमामि नन्दलालसम् ॥ ४ ॥
भुवोभरावतारकं भवाब्धिकर्णधारकं,
यशोमतीकिशोरकं नमामि चित्तचोरकम् ।
दृगन्तकान्तभङ्गिनं सदासदालसङ्गिनं,
दिने दिने नवं नवं नमामि नन्दसंभवम् ॥ ५ ॥
गुणाकरं सुखाकरं कृपाकरं कृपापरं,
सुरद्विषन्निकन्दनं नमामि गोपनन्दनम् ।
नवीनगोपनागरं नवीनकेलिलंपटं,
नमामि मेघसुन्दरं तटित्प्रभालसत्पटम् ॥ ६ ॥
समस्तगोपनन्दनं हृदंबुजैकमोदनं,
नमामि कुञ्जमध्यगं प्रसन्नभानुशोभनम् ।
निकामकामदायकं दृगन्तचारुसायकं,
रसालवेणुगायकं नमामि कुञ्जनायकम् ॥ ७ ॥
विदग्धगोपिकामनोमनोज्ञतल्पशायिनं,
नमामि कुञ्जकानने प्रवृद्धवह्निपायिनम् ।
यदा तदा यथा तथा तथैव कृष्णसत्कथा,
मया सदैव गीयतां तथा कृपा विधीयताम् ॥ ८ ॥
प्रमाणिकाष्टकद्वयं जपत्यधीत्य यः पुमान् ।
भवेत्स नन्दनन्दने भवे भवे सुभक्तिमान् ॥ ९ ॥
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होलिका दहन का शुभ मुहूर्त
होलिका दहन करने के लिए शुभ मुहूर्त रात 11 बजकर 14 मिनट से लेकर देर रात 12 बजकर 20 मिनट तक ही है. इस अवधि में आप होलिका दहन कर सकते हैं. होलिका दहन से पहले आप होलीका पूजन कर सकते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)