Hariyali Teej 2021: हरियाली तीज व्रत यदि पत्नी से छूट जाए या टूट जाए तो क्या है उपाय, जानें
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Hariyali Teej 2021: हरियाली तीज व्रत यदि पत्नी से छूट जाए या टूट जाए तो क्या है उपाय, जानें

सुहाग के लिए रखे जाने वाले प्रमुख व्रत में से एक है हरियाली तीज का व्रत (Hariyali Teej Vrat). इस व्रत को एक बार करना शुरू कर दिया जाए तो इसे छोड़ा नहीं जाता है. यदि किसी कारण वश महिला यह व्रत न कर पा रही हो तो एक उपाय करके भी व्रत का फल पाया जा सकता है. 

(फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली: सावन महीने (Sawan Month) में पड़ने वाले प्रमुख व्रत-त्‍योहार में हरियाली तीज (Hariyali Teej) भी शामिल है. इस दिन महिलाएं अपने पति (Husband) की लंबी उम्र के लिए कठिन व्रत रखती हैं. वहीं कुंवारी लड़कियां भी मनचाहा जीवनसाथी पाने की प्रार्थना के साथ यह व्रत रखती हैं. इस दिन महिलाएं-लड़कियां सज-धज कर शिव-पार्वती (Shiva-Parvati) की पूजा करती हैं. इस व्रत की खास बात यह है कि यह बहुत कठिन होता है और एक बार यह व्रत करना शुरू कर दिया तो इसे हर साल करना पड़ता है. इस व्रत को छोड़ा नहीं जाता है. 

  1. अखंड सौभाग्‍य के लिए रखा जाता है हरियाली तीज का व्रत 
  2. हर साल करना होता है यह व्रत 
  3. यदि न कर पाएं तो पति भी रख सकते हैं व्रत 

व्रत करने में आ रही है समस्‍या 

कई बार ऐसी स्थितियां बन जाती हैं कि स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या, प्रेगनेंसी, यात्रा या पूजा-पाठ न कर पाने के कारण महिला व्रत नहीं रख पाती है. ऐसे में व्रत छूटने (Vrat Chhutne) की समस्‍या से बचने के लिए पुराणों में एक उपाय बताया गया है. इसके मुताबिक ऐसी विषम परिस्थितियों में घर में कोई और महिला उसके बदले यह व्रत रख सकती है. यदि ऐसा भी संभव नहीं है तो पति भी अपनी पत्‍नी के बदले यह व्रत कर सकते हैं. इससे व्रत का फल बना रहता है और व्रत भी नहीं छूटता है. 

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पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि 

11 अगस्‍त को पड़ रही हरियाली तीज की पूजा (Hariyali Teej Puja) के लिए शुभ मुहूर्त दोपहर 03:31 मिनट से रात 10:21 मिनट तक रहेगा. इस दौरान देवी पार्वती और भगवान शिव की पूजा करने से अखंड सौभाग्‍य मिलता है. 

इस व्रत को रखने के लिए सुबह स्नान करके नए कपड़े पहनें. नवविवाहित महिलाओं के घर इस व्रत के लिए मायके से भी कपड़े आते हैं. इसके बाद व्रत का संकल्‍प लें. घर की अच्‍छे से सफाई करके उसे सजाएं और फिर पूजा के लिए खुद भी पूरा श्रृंगार करें. पूजा के लिए चौकी पर मिट्टी में गंगा जल मिलाकर शिवलिंग, भगवान गणेश, माता पार्वती की प्रतिमा बनाएं. वहीं पूजा की थाली में बिंदी, सिंदूर, चूड़ी, मेहंदी, अक्षत, धूप, दीप, गंधक आदि सजाकर अर्पित करें. उन्‍हें भोग लगाएं. व्रत की कथा पढ़ें और आरती करें. 

(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)

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