HL- Kaal Sarp Dosh: कब बनता है कुंडली में काल सर्प दोष का संयोग, जानें इससे होने वाले नुकसान और उपाय
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HL- Kaal Sarp Dosh: कब बनता है कुंडली में काल सर्प दोष का संयोग, जानें इससे होने वाले नुकसान और उपाय

Kaal Sarp Dosh 2024: काल सर्प दोष को बहुत ही अशुभ माना जाता है. जिसके भी कुंडली में काल सर्प दोष आ जाता है उसे जीवन में कई सारे समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा कुंडली में काल सर्प दोष इंसान को शारीरिक और मानसिक दोनों ही रुप से प्रभावित करता है. इसलिए काल सर्प दोष की पूजा पूरे विधि विधान से करना बहुत ही आवश्यक होता है. आइए जानते हैं क्या है काल सर्प दोष की पूजा विधि और लक्षण. 

 

Kaal Sarp Dosh: कब बनता है कुंडली में काल सर्प दोष का संयोग, जानें इससे होने वाले नुकसान और उपाय

काल सर्प के लक्षण: जिस भी व्यक्ति के जीवन में काल सर्प दोष होता है उसे अक्सर सपने में मृत लोग दिखाई देते हैं. इसके अलावा सपने में किसी के द्वारा गला दबाया जाना भी काल सर्प दोष के लक्षण हो सकते हैं. ऐसे व्यक्ति को संघर्षों का सामना तो करना ही पड़ता है साथ है काल सर्प दोष से जूझ रहे शख्स को जरुरत के समय अकेलापन महसूस होता है. इसके अलावा व्यापार पर बुरा असर पड़ना भी इसके लक्षणों में शामिल है. 

कब बनता है दोष: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब व्यक्ति की कुंडली में राहु और केतु के बीच जब सभी ग्रह आ जाते हैं तब काल सर्प दोष के योग का निर्माण होता है. जिसके बाद शरीर पर सांपों को रेंगते देखना, खुद को डसते देखना जैसे सपने आते हैं. साथ ही अगर जीवनसाथी से विवाद हो, रात में बार-बार नींद खुले और सपने में रोजाना आपके घर में झगड़े होते दिखाई देना भी काल सर्प दोष के लक्षण माने जाते हैं. ऐसी चीजें जीवन में होने लगे तो तत्काल प्रभाव से इसका निवारण करना चाहिए. 

काल सर्प के उपाय: इसके उपायों की बात करें तो इससे पीड़ित व्यक्ति को घर या मंदिर में जाकर रोजाना शिवलिंग पर अभिषेक करना चाहिए. प्रदोष तिथि के दिन रुद्राभिषेक करना भी काफी लाभकारी माना जाता है. इसके अलावा ज्योतिष शास्त्र में रोजाना कुलदेवता की आराधना करना भी बहुत लाभकारी बताया गया है. साथ ही प्रतिदिन 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए, काल सर्प से छुटकारा पाने के लिए हनुमान चालीसा का 11 बार पाठ भी करना लाभकारी माना जाता है. 

पूजा विधि और लाभ: काल सर्प से निवारण के लिए पूजा वाले दिन व्रत रखें और साथ ही ब्रह्मचर्य का पालन करें और शिवलिंग का रुद्राभिषेक करें. रोजाना नागों के देवता की पूजा करें और उनकी मूर्ति को दूध अर्पित करें. आप नाग गायत्री का मंत्र ॐ नागकुलाय विद्महे विषदन्ताय धीमहि तन्नो सर्प प्रचोदयात और ओम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का भी जाप कर सकते हैं. इसकी पूजा करने से आपकी सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है और घर-परिवार में शांति का माहौल रहता है. साथ ही व्यापार में आने वाली समस्याएं कम होती हैं और नौकरी कर लोगों को कार्य क्षेत्र में प्रतिष्ठा मिलती है.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. हमने इस खबर को लिखने में सामान्य जानकारियों और धार्मिक मान्यताओं की मदद ली है. इसके सही या गलत होने की पुष्टि ZEE NEWS हिंदी नहीं करता है.

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