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नई दिल्ली: हिंदू धर्म में कार्तिक मास (Kartik Month 2021) के दौरान तुलसी पूजा का खास महत्व है. यूं तो सालभर तुलसी की पूजा की जाती है, लकिन कहा जाता है कि कार्तिक मास में तुलसी के सामने दीपक जालने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस बार कार्तिक मास 21 अक्टूबर से शुरू होकर 19 नवंबर तक चलेगा. मान्यता है कि कई महीने से लंबी निद्रा में सोए भगवान विष्णु इस महीने जाग जाते हैं. कार्तिक के महीने में तुलसी की नियमपूर्वक पूजा करने और दीपक जलाने से भगवान विष्णु की कृपा मिलती है.
पुराणों में कहा गया है कि जिस घर में तुलसी होती है, ऐसे घर में यमदूत प्रवेश नहीं करते. तुलसी का विवाह शालिग्राम से हुआ था, इसलिए कहा जाता है कि जो तुलसी की भक्ति करता है, उसको भगवान की कृपा मिलती है. एक कथा के अनुसार भगवान विष्णु ने तुलसी को वरदान दिया था कि मुझे शालिग्राम के नाम से तुलसी के साथ ही पूजा जाएगा और जो व्यक्ति बिना तुलसी मेरी पूजा करेगा, उसका भोग मैं स्वीकार नहीं करूंगा.
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शास्त्रों के अनुसार तुलसी के चारों ओर स्तंभ बनाकर उसे तोरण से सजाना चाहिए. स्तंभों पर स्वास्तिक का चिह्न बनाना चाहिए. रंगोली से अष्टदल कमल के साथ ही शंख चक्र व गाय का पैर बनाकर सर्वांग पूजा करनी चाहिए. तुलसी का आवाहन करके धूप, दीप, रोली, सिंदूर, चंदन, नैवेद्य व वस्त्र अर्पित करना चाहिए. तुलसी के चारों ओर दीपक जलाकर उनकी विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए.
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शास्त्रों में वेद, नदियों में गंगा और युगों में सतयुग श्रेष्ठ माने गए हैं. उसी प्रकार कार्तिक मास (Kartik Maas) को भी सर्वश्रेष्ठ महीना माना गया है. माना जाता है कि अगर आपके काम अटके हुए हैं, व्यापार में लाभ नहीं हो रहा है तो आप कार्तिक मास में विधि-विधान से तुलसी पूजा करें. आपके सारे संकट दूर हो सकते हैं.
(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)