Kartik Vinayak Chaturthi 2024 Kab hai: विनायक चतुर्थी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है. इस दिन गणेश जी की पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है. इस दिन पूजा-उपासना करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है.
Trending Photos
Kartik Vinayak Chaturthi 2024 Date: विनायक चतुर्थी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है. इस दिन गणेश जी की पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है. मान्यता है कि इस दिन पूजा-उपासना करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है. साथ ही जो भी व्यक्ति व्रत रखता है गणेश जी उसके विघ्न हर लेते हैं. आइए जानते हैं नवंबर में विनायक चतुर्थी का व्रत कब रखा जाएगा और क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त...
यह भी पढ़ें: Grah Gochar 2024: नवंबर में ये बड़े ग्रह बदलेंगे चाल, इन 3 राशियों की चमकेगी किस्मत, पूरी होंगी मन की इच्छाएं!
कब है कार्तिक विनायक चतुर्थी 2024?
पंचांग के अनुसार हर महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि गणेश जी को समर्पित होती है. इसी के चलते कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 4 नवंबर को रात 11 बजकर 24 मिनट पर हो रही है. वहीं, इसका समापन 6 नवंबर को रात 12 बजकर 16 मिनट पर हो रहा है. इसके चलते विनायक चतुर्थी का व्रत कल यानी 5 नवंबर को रखा जाएगा.
पूजा का शुभ मुहूर्त
कार्तिक विनायक चतुर्थी की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 40 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा. इस दौरान आप गणेश जी की पूजा कर सकते है. साथ ही 5 नवंबर को रवि योग भी बन रहा है जो सुबह 6 बजकर 30 मिनट से लेकर सुबह 9 बजकर 40 मिनट तक रहेगा. इस समय भी गणेश जी की पूजा की जा सकती है.
विनायक चतुर्थी का महत्व
विनायक चतुर्थी पर गणेश की पूजा-उपासना करने से और व्रत रखने से विशेष कृपा साधक पर बनी रहती है. इसके अलावा व्यक्ति को सुख-समृद्धि, शांति, सफलता, ज्ञान का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है. साथ ही गणेश की मन की इच्छाएं भी पूर्ण करते हैं. इस दिन व्यक्ति को गणेश जी की आरती भी जरूर करनी चाहिए इससे विघ्नहर्ता प्रसन्न होते हैं.
यह भी पढ़ें: सोमवार के दिन भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए करें ये सरल काम, मनोकामनाएं भी होंगी पूरी!
यहां पढ़ें गणेश जी की आरती
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)