400 साल पुराना है यह चमत्कारी हनुमान मंदिर, 'नंदा दीपक' जलाने से पूरी होगी मनोकामना
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400 साल पुराना है यह चमत्कारी हनुमान मंदिर, 'नंदा दीपक' जलाने से पूरी होगी मनोकामना

ज़ी अध्यात्म में अब आज हम आपको एक ऐसे स्थान पर लेकर जाएंगे, जहां बजरंग बली के साथ-साथ भगवान शिव और भगवान शनि भी विराजमान हैं. संकटमोचन हनुमान का यह मंदिर हैदराबाद के कारवां में स्थित है और इस मंदिर के हनुमान जी को उनके पिता केसरी महाराज के नाम पर केसरी हनुमान (Kesari Hanuman Temple) कहा जाता है.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: रामदूत भगवान हनुमान (Hanuman) की महिमा का कोई पारावार नहीं है. वे मंगलमूर्ति हैं. भगवान हनुमान अपने भक्तों के सभी संकट हर लेते हैं. उनके दर्शन मात्र से भक्तों की सभी तकलीफें दूर हो जाती हैं. यही वजह है कि हर गांव-शहर में हनुमान जी का मंदिर मिल जाता है. ज़ी अध्यात्म में आज आपको लेकर चलते हैं पवनसुत रामदूत हनुमान के ऐसे ही एक मंदिर में, जिसकी स्थापना की कथा भी उतनी ही अद्भुत है, जितने अद्भुत हैं वहां स्थापित भगवान हनुमान.

  1. केसरी हनुमान मंदिर की स्थापना 400 साल पहले हुई थी 
  2. स्वामी समर्थ गुरु ने भारत में हनुमान जी की 87 हजार प्रतिमाओं की स्थापना की 
  3. पिता केसरी महाराज के नाम पर 'केसरी हनुमान'

यह परम पवित्र मंदिर है केसरी हनुमान मंदिर, जो हैदराबाद (Hyderabad) में स्थित है.

400 साल पहले हुई थी मंदिर की स्थापना
इस मंदिर का सीधा संबंध परम प्रतापी वीर राजा छत्रपति शिवाजी और उनके स्वामी समर्थ गुरु रामदास (Swami Samarth Guru Ramdas) से है. समर्थ गुरु रामदास ने साल 1647 में मुछकुंदा यानी कि वर्तमान मूसी नदी के किनारे इस मंदिर की स्थापना की थी. मंदिर के पुजारी महंत विनय देशपांडे ने बताया कि इस मंदिर की स्थापना 400 साल पहले हुई थी.

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मुगल बादशाह औरंगजेब (Aurangzeb) के काल में समर्थ गुरु रामदास ने देश भर में घूम-घूम कर हनुमान मंदिर की स्थापना की थी.

स्थापित किए 87 हजार हनुमान जी
उस समय देश में औरंगजेब का शासन था और वह कई तरह से हिंदू धर्म के अनुयायियों को परेशान कर रहा था. उस समय छत्रपति शिवाजी महाराज लगातार औरंगजेब से युद्ध कर रहे थे. वहीं उनके स्वामी समर्थ गुरु रामदास देश भर में घूम-घूम कर हनुमान मंदिरों की स्थापना कर रहे थे. महंत ने बताया कि उन्होंने पदयात्रा करते हुए भारत भर में 87 हजार हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित की थीं. स्वामी समर्थ ने मुचकुंदा नदी में स्नान करके हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित की थी. 

पिता केसरी महाराज के नाम पर 'केसरी हनुमान'
सबसे खास बात यह है कि इस मंदिर के हनुमान जी को उनके पिता केसरी महाराज (Kesari Maharaj) के नाम पर 'केसरी हनुमान' (Kesari Hanuman) कह कर पुकारा जाता है. मंदिर को लेकर दूसरी मान्यता ये है कि यहां संकटमोचन हनुमान को केसर चढ़ाने का विशेष महत्व है. इसलिए इन्हें केसरी हनुमान जी कहा जाता है. इस मंदिर की दिव्य विशेषता है कि यहां भगवान को घी में केसर मिलाकर चोला चढ़ाया जाता है. साथ ही भोग-प्रसाद के लिए भी केवल घी का ही प्रयोग किया जाता है.

'नंदा दीपक' जलाने का विशेष महत्व
महंत विनय देशपांडे (Vinay Deshpandey) ने बताया कि इस मंदिर में घी का दीपक जलाने का विशेष महत्व है. घी से जलने वाले दीपक को 'नंदा दीपक' कहा जाता है और श्रद्धालुओं की मान्यता है कि यह दीपक कभी नहीं बुझता है. इसके साथ ही केसरी हनुमान के इस मंदिर में नारियल चढ़ाने का भी काफी महत्व है.

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मुख्य मूर्ति तलघर में स्थापित 
इस मंदिर में हनुमान जी के दर्शन करने के लिए आपको नीचे उतरना पड़ता है क्योंकि हनुमान जी की मुख्य मूर्ति तलघर में स्थापित है. मंदिर में सज्जनगढ़ समर्थ रामदास पीठ के अनुसार सब उत्सव मनाए जाते हैं. दर्शन के लिए आए भक्त आनंद कुमार ने बताया कि यहां गौ सेवा का विशेष महत्व है और इसी वजह से मंदिर में एक सुंदर गौशाला भी है.

यहां श्रद्धालु गाय को चारा खिलाते हैं और ऐसा मानते हैं कि जीवन में कितने भी कष्ट हों, अगर नियमित रूप से गौशाला में गौ सेवा की जाए और हनुमान जी के दर्शन किए जाएं तो सब दुख दूर होते हैं.

मंगलवार और शनिवार को विशेष पूजा
आनंद ने कहा कि मंदिर में हर मंगलवार और शनिवार को विशेष पूजा आयोजित होती है. इसके अलावा यहां राम नवमी और हनुमान जयंती के साथ नवरात्र उत्साह से मनाए जाते हैं. भगवान हनुमान के साथ यहां के मंदिर में शिव परिवार की भी मूर्तियां स्थापित हैं. मंदिर में एक स्वयंभू शनि देवता का भी मंदिर है. ऐसी मान्यता है कि उन्होंने मंदिर के एक पुजारी को सपने में दर्शन दिए थे, जिसके बाद पुजारी जी ने उनको बाहर निकाला.

इस मंदिर के साथ ये भी मान्यता है कि सीताजी ने हनुमान जी को अजर और अमर होने का वरदान दिया है. इसकी वजह से हनुमान जी कलियुग के साक्षात देवता हैं. ऐसे में श्रद्धालु जब भी सच्चे मन से भगवान हनुमान को याद करते हैं, वे अपने भक्तों पर कृपा जरूर बरसाते हैं. हनुमान जी भक्तों के सब संकट हर लेते हैं.

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