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नई दिल्ली: हिंदू धर्म में आषाढ़ के महीने का खास महत्व है. इस महीने का हर दिन इतना महत्वपूर्ण है कि कई लोग इस पूरे महीने में रोजाना सूर्योदय से पहले स्नान करके उगते सूर्य को जल चढ़ाते हैं और एकासन (एक बार भोजन करने का व्रत) करते हैं. इस दौरान पड़ने वाले व्रत-त्योहारों को भी खास दर्जा दिया गया है, इन्हीं में से एक है योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi). कहते हैं कि कृष्ण पक्ष की इस एकादशी पर व्रत रखने से सारी बीमारियां दूर हो जाती हैं.
एकादशी का व्रत सारे पापों का नाश करता है, इसलिए महाभारत में अपने कुटुम्बियों से युद्ध के बाद व्याकुल पांडवों को हत्या के पाप से मुक्त करने के लिए भगवान श्रीकृष्ण (Lord Shrikrishna) ने उनसे एकादशी का व्रत करने के लिए कहा था. इस साल योगिनी एकादशी 5 जुलाई को है.
एकादशी तिथि 4 जुलाई दिन रविवार को शाम 7 बजकर 55 मिनट से आरंभ होगी और 5 जुलाई को रात 10 बजकर 30 मिनट पर समाप्त होगी. यह व्रत 5 जुलाई को रखा जाएगा और इसका पारणा (Parna) 6 जुलाई को किया जाएगा. पंचांग के अनुसार 6 जुलाई को सुबह 5 बजकर 29 मिनट से सुबह 8 बजकर 16 मिनट तक व्रत का पारण किया जा सकता है.
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इस दिन सुबह स्नान करके घर के मंदिर में भगवान विष्णु के दर्शन करें और व्रत (Vrat) का संकल्प लें. इसके बाद भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें. धूप-दीप दिखाएं. फूल और तुलसी चढ़ाकर व्रत की कथा पढ़ें. माता लक्ष्मी को भी प्रणाम करें. आरती करके भगवान से प्रार्थना करें. इस व्रत का पारणा अगले दिन किया जाता है, लिहाजा व्रती इस दिन केवल फलाहार ही लें. व्रत के दिन दान जरूर करें, इससे सारी मनोकामनाएं पूरी होंगी. अच्छी सेहत-समृद्धि मिलेगी.
(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)