Shiv Ji Puja Rules: महादेव की पूजा करते समय इस दिशा में रखें मुख, हर मनोकामना पूर्ण होने का मिलेगा वरदान
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Shiv Ji Puja Rules: महादेव की पूजा करते समय इस दिशा में रखें मुख, हर मनोकामना पूर्ण होने का मिलेगा वरदान

Somwar Puja Ke Niyam: शास्त्रों में देवी-देवताओं को प्रसन्न करने और जल्द कृपा पाने के लिए विधिविधान से पूजा करने का नियम है. सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा का विधान है. ऐसे में ज्योतिष शास्त्र में भोलेनाथ की पूजा के कुछ नियमों के बारे में बताया गया है. 

 

फाइल फोटो

Lord Shiv Puja: सोमवार का दिन भगवान शिव की पूजा को समर्पित है. इस दिन विधिविधान से पूजा  करने से भगवान शिव जल्द प्रसन्न होते हैं और शुभ फलों की प्राप्ति होती है. शास्त्रों में कहा गया है कि भगवान शिव बहुत जल्दी प्रसन्न होने वाल देव हैं. वे एक मात्र जल से भी प्रसन्न होकर भक्तों को मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद देते हैं. सोमवार का दिन भगवान शिव की कृपा पाने के लिए बेहद खास माना जाता है. इस दिन व्रत रखने से और विधिपूर्वक पूजा करने से महादेव की कृपा पाई जा सकती है. 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सोमवार के दिन भगवान शिव की जल से अभिषेक कर पूजन करने से कुंडली में चंद्रमा मजबूत होता है. इतना ही नहीं, खास दिन भगवान शिव का पार्थिव शिवलिंग बनाकर पूजा करने से व्यक्ति को सभी समस्याओं से निजात मिलती है. लेकिन भगवान शिव की पूजा करते समय कुछ विशेष सावधानियां बरतने की जरूरत हैं. आइए जानते हैं भगवान शिव की पूजा के नियमों के बारे में. 

सोमवार को नियमपूर्वक करें भगवान शिव की पूजा

- शास्त्रों के अनुसार जहां पर शिवलिंग स्थापित होती है, उससे पूर्व दिशा की ओर मुख करके नहीं बैठना चाहिए. 

- शिवलिंग से उत्तर दिशा की ओर मुंह करके भी न बैठें. कहते हैं कि इस दिशा में भगवान शिव जी का बायां अंग होता है और देवी उमा का भी यही स्थान होता है.

- पूजा करते समय शिवलिंग से पश्चिम दिशा में भी मुंह करके न बैठें. कहा जाता है कि इस दिशा में भगवान शिव की पीठ होती है. ऐसे में पीछे से पूजा करने से देवपूजा का शुभ फल नहीं मिलता. 

- शिवलिंग से दक्षिण दिशा में ही मुख करके बैठना चाहिए. इस दिशा में बैठने से व्यक्ति की पूजा जल्दी स्वीकार होती है और मनोकामना पूर्ण होती है. 

- शास्त्रों में लिखा है कि दक्षिणामुखी महाकाल की पूजा का बहुत अधिक महत्व होता है. ऐसे में उज्जैन और अन्य दक्षिणामुखी शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए. 

- शास्त्रों में बताया गया है कि शिवलिंग के दक्षिण दिशा में बैठकर त्रिपुण्ड भस्म लगानी चाहिए. रुद्राक्ष की माला धारण करें. साथ ही, बिना कटे-फटे बिल्व पत्र शिवलिंग पर अर्पित करें. 

- शास्त्रों में कहा गया है कि शिवलिंग की कभी भी पूरी परिक्रमा नहीं करनी चाहिए. शिवलिंग की आधी परिक्रमा करना ही शुभ माना गया है. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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