Magh Snan Katha: माघ मास की पूर्णिमा 24 फरवरी को होगी इसलिए जो लोग माघ मास में गंगा या किसी अन्य पवित्र नदी में स्नान करना चाहते हैं उन्हें इन तारीखों को नोट कर लेना चाहिए. माघ मास में स्नान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है.
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Magh Snan 2024: माघ मास का प्रारंभ तो प्रतिपदा के दिन से होगा जो 26 जनवरी को है लेकिन जो लोग माघ मास में स्नान का संकल्प लेते हैं उन्हें एक दिन पहले यानी पौष मास की पूर्णिमा के दिन ही स्नान करते हुए संकल्प लेना चाहिए. माघ मास की पूर्णिमा 24 फरवरी को होगी इसलिए जो लोग माघ मास में गंगा या किसी अन्य पवित्र नदी में स्नान करना चाहते हैं उन्हें इन तारीखों को नोट कर लेना चाहिए. माघ मास में स्नान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है.
माघ स्नान की कथा इस प्रकार है
प्राचीन काल में नर्मदा के तट पर शुभ व्रत नामक एक ब्राह्मण निवास करते थे. वह वेद वेदांगों, धर्म शास्त्रों के ज्ञाता होने के साथ ही कई देशों की भाषाओं और लिपियों का ज्ञान था. बस उनमें एक ही बुरी बात थी कि वह लालची थे. उनके जीवन का उद्देश्य ही बस धन कमाना था. हर तरह से वह धन ही कमाते रहे और इसी कार्य में उनकी वृद्धावस्था भी आ गयी. बुढ़ापे में उन्हें कई तरह के रोग हो गए तो उन्हें सद्ज्ञान की प्राप्ति हुई.
वह विचार करने लगे कि पूरा जीवन तो धन कमाने में ही गुजार दिया है तो अब उद्धार कैसे होगा. महा ज्ञानी होने के बाद भी जीवन में कोई सद्कर्म नहीं किया. इसी बात को लेकर वह व्याकुल थे कि उन्हें एक श्लोक याद आया जिसमें माघ मास में स्नान के महत्व को बताया गया था. बस फिर क्या था शुभव्रत ने उस श्लोक के अनुसार माघ मास में स्नान करने का संकल्प लिया और पवित्र नर्मदा नदी में स्नान करने लगे. इस प्रकार वे नौ दिनों तक ही सूर्योदय के पहले नर्मदा में स्नान कर सके कि उनकी तबीयत बहुत बिगड़ गयी. उनके परलोक जाने का समय आ गया था, प्राण त्यागे तो उनको लेने एक दिव्य विमान उन्हें लेने और जिस पर बैठ कर वह सीधे स्वर्ग पहुंचे.