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Maha Laxmi Vrat Katha : धन की देवी मां लक्ष्मी को समर्पित 16 दिन के महालक्ष्मी व्रत शुरू हो चुके हैं. ये व्रत भाद्रपद की अष्टमी तिथि से आरंभ होकर अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि तक चलते हैं. इस साल ये व्रत 3 सितंबर 2022 से 17 सितंबर को समाप्त होंगे. महालक्ष्मी व्रत का आखिरी दिन बहुत महत्वपूर्ण होता है. मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए इस दिन विशेष पूजा-अनुष्ठान, व्रत, उपाय और टोटके किए जाते हैं. मां लक्ष्मी की कृपा से व्यक्ति अमीर बनता है. उसे बेशुमार धन-दौलत और यश-कीर्ति मिलती है. लिहाजा 17 सितंबर को महालक्ष्मी व्रत रखना चाहिए और विधि-विधान से पूजा करना चाहिए.
वैसे तो महालक्ष्मी व्रत 16 दिन के होते हैं और ये पूरे व्रत किए जाते हैं. इस दौरान अन्न का सेवन नहीं किया जाता है और आखिरी दिन यानी कि 16वें दिन उद्यापन किया जाता है. लेकिन जो लोग 16 दिन के व्रत नहीं कर पाते हैं, वे आखिरी दिन महालक्ष्मी व्रत कर सकते हैं. बेहतर होगा कि आखिरी के 3 व्रत करें. महालक्ष्मी व्रत के दिन सुबह स्नान करके व्रत का संकल्प लें. बेहतर होगा कि इस दिन लाल रंग के कपड़े पहनें.
इसके बाद शाम के समय शुभ मुहूर्त में पूजा स्थल की सफाई करके चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं. फिर केसर मिश्रित चंदन से चौकी पर अष्टदल बनाकर उस पर अक्षत डालें और जल से भरा कलश, श्री यंत्र, दक्षिणावर्ती शंख, स्थापित करें. साथ ही हल्दी से कमल बनाकर उस पर हाथी पर बैठी हुई माता लक्ष्मी की प्रतिमा रखें. मां लक्ष्मी की प्रतिमा के सामने चांदी के सिक्के, कौड़ी रखें. उन्हें कमल के पुष्प, अक्षत, चंदन, लाल सूत, सुपारी, नारियल अर्पित करें. इस दिन मां लक्ष्मी के आठ रूपों की पूजा-आराधना करना चाहिए. साथ ही मां लक्ष्मी को सफेद रंग की मिठाईयों जैसे खीर, मेवे की मिठाई का भोग लगाएं.
मान्यता है कि इस व्रत का पूरा फल जातक को तभी प्राप्त होता है जब वह महालक्ष्मी व्रत की कथा को सुनता है. लिहाजा महालक्ष्मी व्रत करें तो इसकी कथा जरूर पढ़ें या सुनें. आखिर में गाय के शुद्ध घी के दीपक से मां लक्ष्मी की आरती करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)