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Margashirsh Amavasya Upay: हिंदू धर्म में अमावस्या का विशेष महत्व है. हर माह कृष्ण पक्ष का आखिरी दिन अमावस्या तिथि होती है. हर अमावस्या का अपना अलग महत्व होता है. मार्गशीष माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मार्गशीर्ष अमावस्या या अगहन अमावस्या के नाम से जाना जाता है. इस दिन पितरों की आत्म तृप्ति के लिए तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध कर्म आदि किए जाते हैं. इस दिन स्नान-दान का भी खास महत्व है.
शास्त्रों में भगवान श्री कृष्ण ने गीता का दिव्य ज्ञान दिया था, इसलिए इस माह की अमावस्या को बेहद लाभकारी और पुण्य फलदायी माना गया है. इस दिन पितरों की पूजा के लिए विशेष माना गया है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन पूजन और व्रत आदि रखने से पितर प्रसन्न होते हैं और पितर दोष से मुक्ति मिलती है. इतना ही नहीं, ऐसी भी मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से कुंडली के दोष दूर हो जाते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस अमावस्या पर गंगा स्नान का भी खास महत्व बताया जाता है. आइए जानें इस अमावस्या की तिथि और महत्व के बारे में.
मार्गशीर्ष अमावस्या तिथि 2022
हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष अमावस्या इस बार 23 नवंबर, बुधवार के दिन मनाई जाएगी. बता दें कि इस दिन अमावस्या तिथि का आरंभ सुबह 06 बजकर 53 मिनट से होकर सुबह 4 बजकर 26 मिनट पर इसका समापन होगा.
मार्गशीर्ष अमावस्या का शुभ मुहूर्त 2022
पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह की अमावस्या के दिन कई शुभ मुहूर्त बन रहे हैं. इस दिन अभिजीत मुहूर्त शाम 05 बजकर 22 मिनट से लेकर शाम 05 बजकर 49 मिनट कर रहेगा.
अमृत काल- अमावस्या के दिन अमृत काल दोपहर 1 बजकर 24 मिनट से लेकर दोपहर 02 बजकर 54 मिनट तक रहेगा.
सर्वार्थ सिद्ध योग- किसी भी कार्य में सफलता के लिए सर्वार्थ सिद्ध योग को उत्तम माना गया है. इस दिन रात 9 बजकर 37 मिनट से लेकर 24 नवंबर सुबह 06 बजकर 51 मिनट कर ये योग रहेगा.
स्नान दान का मुहूर्त- अमावस्या तिथि के दिन स्नान-दान का विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन स्नान दान के लिए सुबह 05 बजकर 06 मिनट से लेकर सुबह 06 बजकर 52 मिनट तक का समय शुभ है.
मार्गशीर्ष अमावस्या का महत्व
शास्त्रों के अनुसार भगवान श्री कृष्ण ने खुद को मार्गशीर्ष का महीना बताया है. अगर आप पितृदोष से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो मार्गशीर्ष अमावस्या को इसके लिए बेहद महत्वपूर्ण माना गया है. जो लोग पितरों को मोक्ष की प्राप्ति, सदगति प्राप्ति के लिए कुछ करना चाहते हैं, उन्हें अगहन अमावस्या के दिन गरीबों और जरूरमंदों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करें.
मार्गशीर्ष अमावस्या का लाभ
शास्त्रों में कहा गया है कि इस माह से ही सतयुग का आरंभ हुआ था. मान्यता है कि इस माह में कुछ खास तिथियों पर व्रत करने से भगवान श्री कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मार्गशीर्ष माह की अमावस्या तिथि पर व्रत रखने से ब्रह्मा, इंद्र, रुद्र, अश्विनी कुमार, सूर्य, अग्नि, पक्षी, पशु और दुष्टों सहित कई देवताओं को प्रसन्न किया जा सकता है. ज्योतिष अनुसार ये दर्श अमावस्या होगी. इस दिन चंद्रमा से जुड़े कुछ उपाय करने से व्यक्ति के अटके हुए सभी कार्य पूर्ण हो जाते हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)