Satyanarayan puja: अमावस्या के दिन अवश्य करें भगवान सत्यनारायण की पूजा, ये है अनुष्ठान का सही तरीका
Advertisement

Satyanarayan puja: अमावस्या के दिन अवश्य करें भगवान सत्यनारायण की पूजा, ये है अनुष्ठान का सही तरीका

Amavasya 2023: मान्यता के अनुसार मार्गशीर्ष अमावस्या का ये दिन पितरों की कृपा पाने के लिए बहुत शुभ माना जाता है. इस दिन मां लक्ष्मी की आशीर्वाद प्राप्ति के लिए सत्यनारायण पूजा अनुष्ठान करना बेहद आवश्यक होता है. चलिए जानते हैं भगवान सत्यनारायण की पूजा कैसे करें.

Satyanarayan puja: अमावस्या के दिन अवश्य करें भगवान सत्यनारायण की पूजा, ये है अनुष्ठान का सही तरीका

Margashirsha Amavasya 2023: अमावस्या का हिंदू धर्म में धार्मिक महत्व है. इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी की खास पूजा की जाती है. इस बार मार्गशीर्ष माह को मंगलवार 12 दिसंबर के दिन मार्गशीर्ष अमावस्या मनाई जाते वाली है. मान्यता के अनुसार मार्गशीर्ष अमावस्या का ये दिन पितरों की कृपा पाने के लिए बहुत शुभ माना जाता है. इस दिन मां लक्ष्मी की आशीर्वाद प्राप्ति के लिए सत्यनारायण पूजा अनुष्ठान करना बेहद आवश्यक होता है. चलिए जानते हैं श्री हरि विष्णु मंत्र और भगवान सत्यनारायण की पूजा कैसे करें.

ये है श्री हरि विष्णु मंत्र
।।ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
।।ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर. भूरि घेदिन्द्र दित्ससि,
ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्. आ नो भजस्व राधसि।।

भगवान सत्यनारायण की पूजा कैसे करनी चाहिए?
मार्गशीर्ष महीने में की अमावस्या के दिन धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना करना बेहद फलदायी होता है. इस दिन ऐसा करने से मां लक्ष्मी की आपसे प्रसन्न होकर अपनी अपार कृपा बरसाती है. इसके साथ ही इस दिन पितरों कीा पूजन और दान करना भी बेहद फलदायी होता है. वहीं इस दिन भगवान सत्यनारायण की पूजा का भी बेहद फल मिलता है. ऐसे में आपको आपको घर में अपने पूजा स्थल में सत्यनारायण और मां लक्ष्मी की मूर्ति रखकर पूरे विधि-विधान से पूजा-पाठ करें. फिर पूजा के बाद आपको हलवे का भोग लगाना चाहिए. 

अमावस्या के दिन सत्यनारायण की पूजा करना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि सत्यनारायण कथा के बाद ही इस पूजा को पूरा माना जाता है. इसलिए इस दिन सत्यनारायण की कथा जरूर सुनना और पढ़ना चाहिए. फिर आपको आरती के बाद पूजा का समापन करना चाहिए. इसके बाद आप भोग लगाकर प्रसाद बांटें और सबसे साथ खुद भी ग्रहण करें. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्‍य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Trending news