इस तारीख को है मार्गशीर्ष पूर्णिमा, जानें लक्ष्‍मी जी को प्रसन्‍न करने का समय, तरीका
Advertisement
trendingNow11993732

इस तारीख को है मार्गशीर्ष पूर्णिमा, जानें लक्ष्‍मी जी को प्रसन्‍न करने का समय, तरीका

Margashirsha Purnima 2023 Date: मार्गशीर्ष पूर्णिमा को बत्तीसी पूर्णिमा और अगहन पूर्णिमा भी कहा जाता है. हिंदू धर्म में मार्गशीर्ष पूर्णिमा को बहुत अहम माना गया है. इस दिन किए गए पूजा, व्रत, दान का 32 गुणा फल मिलता है.

इस तारीख को है मार्गशीर्ष पूर्णिमा, जानें लक्ष्‍मी जी को प्रसन्‍न करने का समय, तरीका

Aghan Purnima 2023 Puja Muhurat: हिंदू धर्म में सभी पूर्णिमा को विशेष महत्‍व दिया गया है. इनमें से मार्गीशीर्ष पूर्णिमा को विशेष माना गया है. इस दिन किए गए पूजा, दान, व्रत का 32 गुना फल मिलता है. इसलिए मार्गशीर्ष पूर्णिमा को बत्‍तीसी पूर्णिमा कहते हैं. साथ ही मार्गशीर्ष महीने को अगहन मास भी कहते हैं इसलिए इस पूर्णिमा को अगहन पूर्णिमा भी कहते हैं. इस साल मार्गशीर्ष पूर्णिमा 26 दिसंबर 2023 को है. इस पूर्णिमा को बेहद पवित्र और श्रेष्‍ठ माना गया है, लिहाजा मार्गशीर्ष पूर्णिमा को पर्व की तरह माना गया है.   

मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर दत्तात्रेय जयंती

मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन ही दत्तात्रेय जयंती मनाई जाती है. भगवान दत्तात्रेय को भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश का अंश हैं. इस तिथि पर पवित्र नदी में स्नान, दान, व्रत, पूजा-पाठ करें. मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर सत्यनारायण पूजा करने का भी महत्व है.

मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2023 कब है?

पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष पूर्णिमा 26 दिसंबर 2023, मंगलवार को है.  मार्गशीर्ष पूर्णिमा तिथि का आरंभ 26 दिसंबर सुबह 05:46 पर होगा और इसकी समाप्ति 27 दिसंबर सुबह 06:02 पर होगी. पूर्णिमा तिथि का व्रत, स्नान, दान आदि सभी कार्य 26 दिसंबर को किए जाएंगे. वहीं मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर स्नान के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 05:22 से 06:17 तक का रहेगा. वहीं लक्ष्मी पूजन देर रात 11:54 से 12: 49 तक किया जा सकेगा.

मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर करें मां लक्ष्‍मी को प्रसन्‍न 

भगवान श्रीकृष्‍ण ने कहा है कि मासों में वे मार्गशीर्ष हैं. इसलिए मार्गशीर्ष महीने को सभी महीनों में सर्वश्रेष्‍ठ माना गया है. मार्गशीर्ष माह की पहली तिथि से देवताओं द्वारा वर्ष का आरंभ किया गया था. साथ ही मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण रहता है. इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने से चंद्र दोष दूर होता है. इसके अलावा मार्गशीर्ष पूर्णिमा की रात को शुभ मुहूर्त में धन की देवी मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजन करें. पूजा में मां लक्ष्‍मी को खीर का भोग लगाएं और लाल फूल अर्पित करें. ऐसा करने से मां लक्ष्‍मी प्रसन्‍न होकर खूब धन-समृद्धि देती हैं. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

Trending news