Navgrah Puja: हर शुभ कार्य में क्यों जरूरी है नवग्रहों की पूजा? जानिए क्या है इसका महत्व
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Navgrah Puja: हर शुभ कार्य में क्यों जरूरी है नवग्रहों की पूजा? जानिए क्या है इसका महत्व

Navgrah Puja Significance: जन्म लेते ही व्यक्ति पर ग्रहों का प्रभाव पड़ने लग जाता है, इसलिए हर शुभ कार्य में नवग्रहों की पूजा की जाती है. जन्म समय की ग्रही स्थिति ही कुंडली का निर्माण करती है. 

Navgrah Puja: हर शुभ कार्य में क्यों जरूरी है नवग्रहों की पूजा? जानिए क्या है इसका महत्व

Navgrah Pujan 2024: जन्म लेते ही व्यक्ति पर ग्रहों का प्रभाव पड़ने लग जाता है, इसलिए हर शुभ कार्य में नवग्रहों की पूजा की जाती है. जन्म समय की ग्रही स्थिति ही कुंडली का निर्माण करती है. नवग्रह मंडल का प्रभाव अच्छा रहे, जीवन में सदैव सुख शांति और समृद्धि को बढ़ाने के साथ ही दुर्भाग्य वश जो ग्रह कुपित है उनको शांत किया जाता है. 

 

नवग्रह पूजन का महत्व
हिन्दु धर्म के सोलह संस्कारों को करते समय ग्रह मंडल बनाकर उसकी विधि विधान से पूजन किया जाता है और कार्य में सफलता मिले इसके लिए उनका आह्वान भी होता है. नव ग्रह की मंडल पूजन वस्तु में बहुत महत्वपूर्ण है, किसी भी घर में प्रवेश करते ही सभी दिशाओं में जो नवग्रह व्याप्त है उनका पूजन आवश्यक हो जाता है. आइए जानते हैं किस दिशा में विराजमान होते हैं ग्रह और जीवनभर के काल में उनका कैसा प्रभाव पड़ता है. 

 

किस दिशा में कौन से देवता है व्यापत
सूर्य ब्रह्म स्थान (मध्य)  चन्द्रमा अग्निकोण, मंगल दक्षिण बुध ईशानकोण ( उत्तर और पूर्व का मध्य), बृहस्पति उत्तर दिशा, शुक्र पूर्व दिशा शनि पश्चिम दिशा, राहु नैऋत्य ( दक्षिण और पश्चिम का मध्य) केतु वाव्यव (पश्चिम और उत्तर) यह नव मंडल में विराजमान होते हैं. 

 

सूर्य की उपासना क्यों जरूरी
नवग्रह के राजा सूर्य की उपासना करना बहुत ही आवश्यक है. नवग्रह पूजन के पश्चात प्रतिदिन यदि सूर्य उपासना की जाए तो सभी ग्रह कंट्रोल में रहते हैं. सूर्य के कारण ही सभी ग्रह अपना प्रभाव जीव जंतुओं पर डालते हैं. जिस प्रकार पूर्णमासी के दिन चंद्रमा पूरा दिखाई देता है और अपनी ज्योत्सना धरती पर बरसता है उसके पीछे भी सूर्य का तेज होता है. सभी ग्रह सूर्य नारायण के चारों ओर परिक्रमा कर रहे हैं, अत्यधिक निकट आने पर समस्त ग्रह अस्त हो जाते हैं यानी सूर्य के तेज के आगे सभी नतमस्तक हैं.

 

सूर्यनारायण को ऐसे करें प्रसन्न
नियमित रूप से सूर्य नमस्कार किया जाए एवं सूर्य को अर्घ्य दिया जाए, तो सूर्य नारायण प्रसन्न हो जाते हैं. सूर्य के प्रसन्न होते ही आदमी स्वस्थ रहता है और आरोग्यता प्राप्त होती है इसके अतिरिक्त ऐश्वर्या एवं समृद्धि भी प्राप्त करते है वहीं इसके विपरीत सूर्योदय के समय सोने से सुख समृद्धि में धीरे-धीरे कमी आने लगती है.

 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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