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नई दिल्ली: इस समय देवगुरु बृहस्पति (Jupiter) कुंभ राशि में हैं और सितंबर के मध्य तक इसी राशि में रहेंगे. ज्योतिष में गुरु (Guru) का बहुत महत्व है इसलिए उन्हें देवगुरु कहा गया है. वैसे तो गुरु प्रमुख तौर पर स्वास्थ्य (Health) का कारक है, उसमें भी इसका पेट से विशेष संबंध है लेकिन इस ग्रह की एक और खासियत है कि यह जिंदगी की हर चीज को बड़ा रूप दे देता है. यानी कि कुंडली में गुरु कमजोर हो तो वह जिंदगी की समस्याओं को कई गुना बड़ा बना देता है. इस लिहाज से देखें तो जिंदगी की हर घटना से गुरु का संबंध है.
गुरु जिंदगी के कई पहलुओं पर असर डालता है, जैसे धन, ज्ञान, धर्म, सोना (आभूषण), पाचन तंत्र, पेट, लड़कियों का विवाह आदि. बहुत कम लोग यह बात जानते हैं कि शरीर के वजन का संबंध भी गुरु से होता है. कुंडली में गुरु की स्थिति से ही मोटापा (Obesity) घटता और बढ़ता है.
दरअसल शरीर में फैट जमा करने का काम गुरु ग्रह से जुड़ा होता है. ऐसे में यदि लग्न या लग्न के स्वामी पर गुरु का असर हो तो जातक का वजन बढ़ जाता है. यदि गुरु कमजोर हो तो जातक की खाने-पीने की गलत आदतें उसे मोटा कर देती हैं. गुरु पर पाप ग्रहों के प्रभाव से व्यक्ति को बीमारियां होती हैं, जो मोटापे से संबंधित होती हैं. इसके अलावा लग्न के आस-पास गुरु का होना अनुवांशिक कारणों से मोटापा बढ़ता है.
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ऐसे जातक जिनकी कुंडली में गुरु की स्थिति के कारण मोटापे की समस्या हो रही हो, उन्हें नींबू और दही का सेवन करना चाहिए. वे एकादशी का उपवास करें और रोजाना सुबह-शाम बृहस्पति के मंत्र 'ॐ बृं बृहस्पतये नमः' का जाप करें. इसके अलावा हरी सब्जियां खाएं. दाल और अनाज कम खाएं. तांबे के बर्तन में पानी रखकर पिएं. दाहिने हाथ की तर्जनी अंगुली में सोने या पीतल का छल्ला पहना लाभदायी साबित होगा.
(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)