हस्तरेखा शास्त्र में हथेली की विभिन्न रेखाओं, पर्वतों और निशानों का अध्ययन किया जाता है. हथेली के मूल यानी सबसे नीचे मणिबंध रेखा मौजूद रहती है. मणिबंध रेखा जीवन की आर्थिक स्थिति का भी संकेत देती है.
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नई दिल्ली: हस्तरेखा शास्त्र में हथेली के पर्वत, विशेष रेखा और चिह्नों का खास महत्व बताया गया है. हथेली की रेखाओं के विश्लेषण के समय मणिबंध रेखा का भी अध्ययन किया जाता है. आमतौर पर मणिबंध पर तीन रेखाएं होती हैं और इनकी बनावट भी अलग-अलग होती है. मणिबंध की पर रेखाओं की संख्या, उसकी बनावट और वहां मौजूद खास चिह्न जीवन के बारे खास संकेत देती है. आइए जानते हैं मणिबंध रेखा भविष्य के बारे में क्या संकेत देती हैं.
-हस्तरेखा शास्त्र के मुताबिक अगर मणिबंध रेखा पर पर्वत या द्वीप का चिह्न है तो ऐसे में व्यक्ति अपनी ऊर्जा का सही इस्तेमाल नहीं कर पाता है. वहीं अगर मणिबंध पर तीन रेखाएं हैं और पहली रेखा पर पर्वत है, साथ ही बाकी दो रेखाएं साफ और गहरी हैं तो व्यक्ति जीवन के हर सुख का आनंद लेता है. इसके अलावा ऐसा इंसान अपनी बुद्धि से समस्याओं का निदान खोज लेता है.
-अगर मणिबंध की पहली रेखा जंजीरनुमा है तो ऐसे लोगों की जवानी समस्याओं से भरी होती है. ऐसे जातक अनेक कारणों से शारीरिक और मानसिक परेशानियों से घिरा रहता है. वहीं मणिबंध पर क्रॉस का चिह्न खराब सेहत को दर्शाता है. हालांकि ऐसे लोगों के जीवन के बीच समय और बुढ़ापा अच्छा बीतता है.
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-अगर मणिबंध पर क्रॉस का निशान अधिक है तो व्यक्ति बार-बार बीमार पड़ता है. वहीं अगर यह स्थिति किसी महिला के साथ है तो उन्हें गर्भधारण करने में समस्या आती है. इसके अलावा यदि पहली मणिबंध रेखा पर स्टार का निशान है और अन्य दो रेखाएं पूरी तरह से स्पष्ट है तो ये जबरदस्त धन लाभ का संकेत देता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)