कोरोना संक्रमण को देखते हुए हरिद्वार महाकुंभ 2021 (Haridwar Mahakumbh 2021) की अवधि पहले ही साढ़े तीन महीने से घटाकर डेढ महीना कर दी गई थी. अब भीड़ कम करने के लिए मेला प्रशासन ने नई गाइडलाइंस जारी की है.
आईजी कुंभ मेला संजय गुंज्याल (Sanjay guanyal) ने इसके लिए बड़ी कार्ययोजना तैयार की है. इसके अनुसार हरिद्वार महाकुंभ 2021 (Haridwar Mahakumbh 2021) में जाने वाले किसी व्यक्ति में यदि कोरोना के लक्षण मिले तो उन्हें मेला क्षेत्र में एंट्री नहीं मिलेगी. उन्हें या तो वापस लौटा दिया जाएगा या फिर इलाज के लिए कोविड सेंटर में रैफर कर दिया जाएगा.
उत्तराखंड पुलिस के मुताबिक यदि कोई श्रद्धालु मेला स्थल पर रात्रि प्रवास करना चाहेंगे तो कोविड टेस्ट में निगेटिव होने के बाद ही ऐसा कर सकेंगे. उन्हें बिना टेस्ट कराए मेला स्थल पर रुकने की इजाजत नहीं मिलेगी. कोरोना संक्रमण की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने महाकुंभ मेले (Haridwar Mahakumbh 2021) में 10 साल से छोटे बच्चों और बुजुर्गों को नहीं आने की अपील की है.
पुलिस-प्रशासन की योजना के मुताबिक श्रद्धालुओं को हरिद्वार महाकुंभ 2021 (Haridwar Mahakumbh 2021) में लोगों ‘एक स्नान, तीन डुबकी’ फार्मूले पर अमल करना होगा. मेले में आने वाले लोगों को ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. महाकुंभ के दौरान सभी लोगों को मास्क पहनना होगा. ऐसा न करने पर उन पर जुर्माना लग सकता है.
करीब साढ़े तीन महीने तक चलने वाला महाकुंभ कोरोना संक्रमण की वजह से इस साल मात्र डेढ़ महीने का होगा. इस बार पहला शाही स्नान 11 मार्च को शिवरात्रि पर होगा. दूसरा शाही स्नान 12 अप्रैल को सोमवती अमावस्या पर, तीसरा शाही स्नान 14 अप्रैल को मेष संक्रांति और चौथा शाही स्नान 27 अप्रैल को बैसाख पूर्णिमा पर होगा.
बता दें कि हर 12 साल पर लगने वाला महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला होता है. यह बारी-बारी से 12वें वर्ष में हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक में लगता है. लेकिन इस साल हरिद्वार का महाकुंभ (Haridwar Mahakumbh 2021) 11 साल पर ही हो रहा है. कहते हैं कि ग्रहों के राजा बृहस्पति कुंभ राशि में हर बारह वर्ष बाद प्रवेश करते हैं. प्रवेश की गति में हर बारह वर्ष में अंतर आता है. यह अंतर बढ़ते बढ़ते सात कुंभ बीत जाने पर एक वर्ष कम हो जाता है. इस वजह से आठवां कुंभ ग्यारहवें वर्ष में पड़ता है.
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