हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्र श्रद्धालुओं के लिए बेहद खास होते हैं. कई भक्त पूरे 9 दिन तक मां को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखते हैं तो कुछ लोग पहले व आठवें दिन.
इस दौरान श्रद्धालु नौ कन्याओं का मां दुर्गा के 9 देवी रूपों में पूजन करते हैं. जिससे मां प्रसन्न होती हैं और सुख-समृद्धि का वरदान देती हैं.
नवरात्र के पावन दिनों में छोटी कन्याओं को घर आने का न्यौता दिया जाता है और फिर अपने सामर्थ्य अनुसार, उन्हें भोजन कराकर आर्शीवाद लिया जाता है.
नवरात्र की सप्तमी से कन्या पूजन की शुरुआत हो जाती है. श्रद्धालु सप्तमी, अष्टमी और नवमी के दिन छोटी कन्याओं को 9 देवी का रूप मानकर पूजते हैं. लेकिन नवमी और दशमी को कन्या पूजन का विशेष महत्व बताया गया है.
ऐसा माना जाता है कि नवरात्र में कन्या पूजन के बाद ही मां प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों को सुख-समृद्धि का वरदान देती हैं.
नवरात्र के पावन महीने में कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है. ऐसी मान्यता है कि 9 छोटी कन्याओं को देवी के रूप में पूजन और भोग लगाने के बाद ही नवरात्र का व्रत पूर्ण माना जाता है.
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