सूर्यदेव के धनु राशि में प्रवेश करने पर खरमास (Kharmas) लग जाते हैं. खरमास में किसी भी तरह के मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं. जानें खरमास (Kharmas 2020) में क्या करना शुभ और क्या करना अशुभ होता है.
खरमास के माह में सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें. फिर भगवान का स्मरण करें और सूर्योदय होने पर सूर्यदेव को जल अर्पित करें.
खरमास में सुबह सूर्य देव को जल चढ़ाएं और उनकी पूजा-अर्चना करें. इससे शुभ फल की प्राप्ति होती है.
खरमास के माह में भगवान विष्णु और भगवान श्री कृष्ण की उपासना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. इसलिए इनका स्मरण जरूर करें.
खरमास के माह में पवित्र नदी में स्नान करना बेहद शुभ माना जाता है. पवित्र नदी में स्नान करने से पापों और रोगों से मुक्ति मिलती है.
खरमास में धार्मिक यात्रा करने का विशेष महत्व है. इसलिए इस माह में धार्मिक यात्रा पर जरूर जाएं.
खरमास में गरीबों को दान देना चाहिए और साधु-संतों की सेवा करनी चाहिए. ऐसा करने से सौभाग्य आता है.
खरमास (Kharmas) में विवाह, जनेऊ, गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं. खरमास खत्म होने के बाद आप शुभ मुहूर्त देखकर मांगलिक कार्य कर सकते हैं.
खरमास के महीने में मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए. इनका सेवन करने से जिंदगी में परेशानियां आने लगती हैं.
खरमास के माह में उड़द की दाल का सेवन नहीं करना चाहिए. इस महीने में आप उड़द की दाल के अलावा बाकी सभी दालों का सेवन कर सकते हैं.
खरमास में चावल का मांड पीने की मनाही होती है. इसलिए इस महीने में इसका सेवन न करें तो बेहतर रहेगा.
खरमास के माह में प्याज-लहसुन खाना अशुभ माना जाता है. इसलिए खरमास में प्याज-लहसुन न खाएं.
खरमास में तिल के तेल (Sesame Oil) का उपयोग नहीं करना चाहिए. इसे शुभ नहीं माना जाता है.
खरमास के माह में झूठ नहीं बोलना चाहिए. खरमास में झूठ बोलने से आर्थिक परेशानियां (Financial Problems) आने लगती हैं.
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