यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom) सांख्यिकी प्राधिकरण द्वारा जारी किए गए आंकड़ों से साफ है कि पानी की कमी (Thirst) कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के दौरान अदृश्य हत्यारा बनकर लोगों के सामने आई. इस दौरान मरने वाले कुल 345 लोगों में से 173 लोगों की उम्र 65 साल से कम थी.
बता दें कि यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom) में जनवरी से जुलाई की शुरुआत के बीच हुई नॉन-कोविड मौतों के आंकड़े यूनाइटेड किंगडम सांख्यिकी प्राधिकरण ने जारी किए हैं. यूके के सांख्यिकी प्राधिकरण के आंकड़े नॉन-कोविड मौतों के मामलों पर 6 महीने तक की गई स्टडी पर आधारित हैं. पहले लॉकडाउन के दौरान यूनाइटेड किंगडम में प्यास के कारण 345 लोगों की मौत हो गई. (फोटो साभार: रॉयटर्स)
दरअसल यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom) में ऐसे इसलिए हुआ क्योंकि कोरोना वायरस (Coronavirus) संकट काल के दौरान हेल्थ वर्कर या तो पर्याप्त पीपीई किट नहीं होने की वजह से आइसोलेट किए गए लोगों के पास नहीं जा पाए या फिर वो खुद को आइसोलेट कर रहे थे. ऐसे में मरीजों की देखभाल नहीं हो सकी और वो प्यासे रह गए. (फोटो साभार: PTI)
यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom) सांख्यिकी प्राधिकरण द्वारा जारी किए गए आंकड़ों से साफ है कि पानी की कमी (Thirst) कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के दौरान अदृश्य हत्यारा बनकर लोगों के सामने आई. इस दौरान प्यास के कारण 345 लोगों ने अपनी जान गंवाई. आंकड़ों के मुताबिक, मरने वाले कुल 345 लोगों में से 173 लोगों की उम्र 65 साल से कम थी. (फोटो साभार: रॉयटर्स)
इस मामले पर यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom) में विपक्ष के नेता जस्टिन मैडर्स ने कहा, 'इन विनाशकारी आंकड़ों से हम सभी को शर्मिंदा होना चाहिए. वास्तव में ऐसी परिस्थितियां नहीं होनी चाहिए थीं जब लोग अस्पताल में जाकर मर रहे थे. सरकार को तत्काल नेशनल हेल्थ सर्विस के लिए एक स्थायी और पुनर्जीवित स्टाफिंग योजना बनाने की जरूरत है.' (फोटो साभार: रॉयटर्स)
डिहाइड्रेशन से किडनी फेल हो जाती हैं. ऐसे मामलों में जब तक मरीज को अस्पताल में भर्ती किया जाता है, तब तक दोबारा किडनी एक्टिव करने में अक्सर देर हो जाती है. डिहाइड्रेशन के लक्षणों में मुंह सूखना, फटे होंठ, सूजी हुई जीभ, धंसी हुई आंखें, सूखी त्वचा, चक्कर आना और तेजी से दिल धड़कना शामिल है. (फोटो साभार: Gettty Images)
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