जीवन में हर व्यक्ति कामयाब (Success) होना चाहता है लेकिन सफलता हर किसी को नसीब नहीं होती. कई लोग इसके लिए अपनी किस्मत को दोष देते हैं तो कुछ मेहनत में कमी बताते हैं.
शास्त्रों में मदिरा को मद प्रदान करने वाला बताया गया है यानी जो बुद्धि का हरण करे और मन में अहंकार हर दे वह मदिरा है. मदिरा पान में जो व्यक्ति डूब चुका होता है वह कितना भी कमा ले. उसके पास बरकत नहीं रहती है. ऐसे व्यक्ति अपने पूर्वजों के द्वारा संचित धन और मान-सम्मान का भी नाश कर डालता हैं.
जुआ को विनाश का कारण माना गया है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण महाभारत है. जुए के कारण ही पांडवों को अपना राज्य गंवाना पड़ा था. जब आप किसी भी तरह के सट्टा, लॉटरी में पैसा लगाते हैं तो यह भी एक तरह का जुआ होता है और इन से भी धन का नाश होता है.
नीतिशास्त्र के अनुसार मनुष्य का सबसे पहला शत्रु उसका आलस्य है. जो व्यक्ति कर्म की बजाय अपने शरीर को आराम देने में लगा रहता है. उससे देवी लक्ष्मी हमेशा दूर रहती है. जबकि गरीब व्यक्ति भी जब अपने शरीर को कर्म में लीन कर देता है तो उसकी गरीबी तेजी से दूर होती चली जाती है. इसलिए जीवन में कामयाब (Success) होना है तो आलस्य को त्यागना ही होगा.
दिन में सोने की आदत को शास्त्रों में धन का नाश करने वाला बताया गया है. शास्त्रों के अनुसार जो व्यक्ति बहुत अधिक सोते हैं या दिन के समय सोते हैं. उन पर देवी लक्ष्मी कभी कृपा नहीं करती है. भगवान श्री कृष्ण ने भी गीता में समझाया है कि वह कभी सफल नहीं होता है. जो बहुत सोता है या कम सोता है.
जो लोग अपनी जरूरत से ज्यादा खर्च करने का शौक रखते हैं. वे कभी सुखी नहीं रहते. इस गलत आदत की वजह से ऐसे लोग एक दिन अपनी पारिवारिक संपत्ति गंवा बैठते हैं. अपने शाही शौकों की वजह से ऐसे लोग धीरे-धीरे कर्ज के दलदल में फंस जाते हैं. जिसे वे अक्सर चुका नहीं पाते. इसके चलते उन्हें रिश्तेदारों और समाज के सामने लज्जित होना पड़ता है.
(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)
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