Phulera Dooj 2024: फुलेरा दूज 11 या 12 मार्च कब है? इस दिन किए ये काम प्रेम संबंधों में पैदा कर देते हैं खटास
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Phulera Dooj 2024: फुलेरा दूज 11 या 12 मार्च कब है? इस दिन किए ये काम प्रेम संबंधों में पैदा कर देते हैं खटास

Phulera Dooj Upay: हिंदू धर्म में फुलेरा दूज का विशेष महत्व है. बता दें कि फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को फुलेरा दूज के नाम से जाना जाता है. मथुरा में इस दिन फूलों की होली का आयोजन किया जाता है. लेकिन ज्योतिष शास्त्र में फुलेरा दूज के दिन कुछ कार्यों को न करने की सलाह दी जाती है. 

 

phulera dooj 2024

Phulera Dooj Remedies: हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को फुलेरा दूज का पर्व मनाया जाता है. इस खास दिन भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी की पूजा की परंपरा है. वहीं फुलेरा दूज के दिन मथुरा में फूलों की होली खेली जाती है. इस दिन कुछ बातों का ध्यान रखने और कुछ ज्योतिष उपाय साधक को शुभ फल प्रदान करते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार फुलेरा दूज के दिन कुछ कार्यों को करने से परहेज करना चाहिए. वरना व्यक्ति के प्रेम संबंधों में दूरियां आने में समय नहीं लगेगा. 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार फुलेरा दूज के दिन वर्जित कार्यों को करने से व्यक्ति के प्रेम संबंध खराब होते हैं और जीवन पर कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. बता दें कि इस साल फुलेरा दूज 12 मार्च 2024 मंगलावर  के दिन मनाई जा रही है. जानें इस दिन किन चीजों को भूलकर भी हीं करना चाहिए. 

फुलेरा दूज शुभ मुहूर्त 2024

हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि 11 मार्च सुबह 10 बजकर 44 मिनट से शुरू हो रही है और इसके अगले दिन 12 मार्च को सुबह 7 बजकर 13 मिनट पर समापन होगा. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार 12 मार्च के दिन फुलेरा दूज का पर्व मनाया जाएगा.  

फुलेरा दूज के दिन न करें ये काम 

- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार फुलेरा दूज के दिन ध्रूमपान, शराब और मांसाहारी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए. 

- इसके साथ ही, फुलेरा दूज के दिन इस बात का भी ध्यान रखेम कि श्री राधा कृष्ण को गुलाल अर्पित करने के बाद उसे किसी के पैरों में न रखें. 

- फुलेरा दूज के दिन अपने मन में किसी के लिए गलत विचार न लेकर आएं. साथ ही, बड़े-बुजुर्गों का अपमान न करें. 

- फुलेरा दूज पर भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी के साथ ही भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा भी की जाती है. तो आप भी पूजा करते समय इस बात का खास ख्याल रखें. 

-इस खास दिन श्री कृ्ष्ण और राधा जी की पूजा एक साथ खरने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. ऐसा कहा जाता है कि दोनों की पूजा अगर अलग-अलग की जाए, तो प्रेम संबंधों में दूरियां आती हैं.  

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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