रामलला के श्यामल बाल स्वरूप को निहारते योगी-मोदी के हाथों में कुश की अंगूठी, जानिए क्यों है इसका खास महत्व
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रामलला के श्यामल बाल स्वरूप को निहारते योगी-मोदी के हाथों में कुश की अंगूठी, जानिए क्यों है इसका खास महत्व

Ramlala Prana Pratishtha: अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा विधिपूर्वक हो चुकी है. प्राण प्रतिष्ठा पूजा के दौरान पीएम मोदी और योगी ने हाथ में कुश की अंगूठी पहनी हुई है. आइए जानते हैं इसका पूजा में क्या विशेष महत्व है. 

 

pm modi in prana pratishtha

Kusha Grass Ring In PM Modi-Yogi Finger: 500 सालों से जिस पल का इंताजर हर हिंदू भारतीय को था आज वो पल आ ही गया. विधिविधान के साथ अयोध्या के नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला की मूर्ति को स्थापित कर दिया गया और आज उसकी प्राण प्रतिष्ठा कर उसे आम लोगों को दर्शन के लिए खोल दिया जाएगा. बता दें कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी मुख्य रूप से नजर आए. 

पूजा के दौरान पीएम मोदी और योगी ने हाथ में कुश घास की अंगूठी पहनी है. रामलला की मूर्ति को निहारते हुए दोनों के हाथ में ये कुश घास की अंगूठी दिखाई दे रही है. ऐसे में ये सवाल सभी के दिमाग में आ रहा है कि पूजा के दौरान कुश की अंगूठी क्यों धारण की जाती है और इसका धार्मिक महत्व क्या है. तो चलिए जानते हैं पूजा में कुश की अंगूठी का महत्व. 

कुश घास का धार्मिक महत्व 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पूजा के कार्यों में कुश घास का इस्तेमाल किया जाता है. वहीं, किसी भी धार्मिक पूजा में कुशा का आसन बिछाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि कुश घास के बने आसन पर बैठकर अगर मंत्र जाप किया जाए, तो वे मंत्र सिद्ध हो जाते हैं. साथ ही, ऐसा भी कहा जाता है कि कुश घास दूषित वातावरण को पवित्र करने में प्रयोग की जाती है. 

जानें कुश घास का महत्व

शास्त्रों के अनुसार धार्मिक कार्यों, श्राद्ध और तर्पण आदि कामों में कुश घास का प्रयोग किया जाता है. मान्यता है कि हिन्दुओं के अनेक धार्मिक कार्यों में कुश का प्रयोग किया जाता है. वहीं, इसका प्रयोग दवाई आदि में भी किया जाता है. 

किस अंगुली में पहनते हैं कुश की अंगूठी

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुश घास की अंगूठी बनाकर अनामिका अंगुली में पहनी जाती है. इसे पहनने से सूर्य देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इससे व्यक्ति को यश और तेज की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही, अगर आपने हाथ में कुश धारण किया हुआ है, तो व्यक्ति को किसी बुरी नजर नहीं लगती. 

कितने प्रकार की होती है कुश घास 

शास्त्रों में कुश के कई प्रकार का जिक्र किया गया है. धर्म-कर्म के लिए कुशा घास का इस्तेमाल किया जाता है. कुशा घास 10 प्रकार की होती है- काशा, यवा, दूर्वा, उशीर, सकुंद, गोधूमा, ब्राह्मयो, मौंजा, दश, दर्भा. पूजा के लिए इनमें से जो भी घास मिल जाए, उसका इस्तेमाल किया जा सकता है. 

 

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