Ram Navami Puja: भगवान श्री हरि के सातवें अवतार प्रभु श्री राम के प्राकट्योत्सव राम नवमी को धूमधाम से मनाना चाहिए. राम नवमी के दिन श्री राम चरित मानस की पूजा भी जरूर करना चाहिए.
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Ramcharitmanas Path on Ram Navami 2024: श्री हरि के सातवें अवतार प्रभु राम ने पृथ्वी पर बुराई और अधर्म का नाश करके धर्म और सत्य की स्थापना की. जिन्हें सूर्यवंशी और दशरथनंदन श्रीराम के नाम से भी जाना जाता है. भगवान राम ने अवतार लेकर इस पृथ्वी पर आदर्श पुत्र, आदर्श शिष्य, आदर्श पति, आदर्श राजा की मर्यादा बनायी, जिस कारण उन्हें पुरुषों में उत्तम यानी मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के नाम से भी जाना जाता है.
बेहद शुभ मुहूर्त में जन्मे थे प्रभु राम
गोस्वामी तुलसीदास जी ने श्री रामचरित मानस में लिखा है, 'नौमी तिथि मधु मास पुनीता सुकल पच्छ अभिजित हरिप्रीता, मध्य दिवस अति सीत न घामा पावन काल लोक बिश्रामा'. इस चौपाई का अर्थ है कि चैत्र महीने में शुक्ल पक्ष में नवमी तिथि को भगवान के अत्यधिक प्रिय अभिजीत मुहूर्त में दोपहर के समय प्रभु श्री राम का माता कौशल्या के गर्भ से अयोध्यापति दशरथ नंदन के रूप में जन्म हुआ था. उस समय का मौसम बहुत ही सुहावना था न बहुत सर्दी थी और न ही गर्मी. यह पवित्र समय सब लोकों को शांति देने वाला था. इस बार यह तिथि 17 अप्रैल को होगी. इस दिन देश-दुनिया में राम नवमी पर्व मनाया जाता है.
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प्रभु राम ने की थी देवी दुर्गा की उपासना
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष के नौवें दिन ही राम नवमी मनाई जाती है. इस दिन मां दुर्गा और भगवान राम की पूजा का विशेष महत्व है. धर्म-शास्त्रों के अनुसार भगवान राम ने भी रावण से युद्ध में जीत हासिल करने के लिए देवी दुर्गा की उपासना की थी इसलिए नवरात्रि की नवमी तिथि पर देवी दुर्गा और भगवान राम दोनों की पूजा की जाती है.
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रामचरितमानस की करें पूजा
राम नवमी के दिन घरों में प्रभु श्री राम के चित्र या विग्रह का विधि विधान से श्रृंगार करके पूजन करना चाहिए. इसके बाद श्री राम की स्तुति के साथ ही रामरक्षास्तोत्र का पाठ करें. फिर घर पर रखी श्री रामचरितमानस का भी पूजन करें. यदि रामचरितमानस की प्रति घर में नहीं है तो उसे बाजार से खरीद कर घर में लाएं. रोजाना सामान्य पूजा के साथ उसकी भी पूजा करें. परिवार में आदर्श के पर्याय इस धर्म ग्रंथ को घर में रखने से घर में खुशहाली और समृद्धि रहती है.